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छतीसगढ़ की शिक्षिका का अनूठा प्रयास: बौद्धिक क्षमता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि कमजोर बच्चों में पढ़ाई का रुझान बढ़ेगा…

कवर्धा। छतीसगढ़ के सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका ने अनूठा काम किया है। उन्होंने स्कूल के बच्चों को ऐसी तकनीक से ट्रेनिंग दी है, जिससे बच्चें आंखों में पट्टी बांध कर भी किसी भी कलर को छू कर पहचान सकतें हैं। यही नही वे पुस्तक में लिखे किसी भी शब्द को पढ़ कर पहचान सकते है। कमजोर बच्चों की भी बौद्धिक क्षमता का विकास इस तकनीक की प्रैक्टिस करवा के किया जा सकता है। जिससे बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर घट सकें।

कवर्धा जिले के कवर्धा ब्लॉक के संकुल दशरंगपुर अंतर्गत आने वाले शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अगरी कला में शिक्षिका विधि तिवारी शिक्षक एलबी के पद पर पदस्थ हैं। वे स्कूल में हिंदी व अंग्रेजी सब्जेक्ट्स पढ़ाती हैं। अपने बारह सालों के शैक्षणिक कैरियर में इन्होंने देखा कि सरकारी स्कूलों में अक्सर पढ़ाई में कमजोर बच्चे स्कूल छोड़ते हुए पढ़ाई को हमेशा के लिए अलविदा कह देते हैं। शिक्षिका विधि तिवारी की हमेशा से ऐसी कोशिश रहती थी कि किस तरह बच्चों की पढ़ाई में रुचि जगा कर उन्हें स्कूल छोड़ने से रोका जा सकें। इसके लिए वो लगातार प्रयासरत भी रहतीं थी। इसी बीच उन्हें एक दिन ऐसा रास्ता मिल गया जिससे बच्चो में याद करने की क्षमता व समझने की क्षमता बढ़ाई जा सके। देखिए वीडियो…

एक दिन शिक्षिका विधि नेट में कुछ सर्च कर रहीं थी। अचानक उन्हें यू ट्यूब में अमिताभ बच्चन का मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति का एक एपिसोड देखा। जिसमे शो में आई हुई एक ऐसी बच्ची को उन्होंने देखा जिसके द्वारा आँखों मे पट्टी बांधने के बाद किसी भी शब्द को सिर्फ छू कर ही पढ़ा जा सकता था। जिसको देखकर शिक्षिका विधि तिवारी के मन मे भी यह बात उठी कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है। और उन्होंने इस पर रिसर्च शुरू की। कई यूट्यूब चैनल्स देखने, नेट में सर्च करने व किताबें पढ़ने के बाद उन्हें यह पता चला कि यह सब बच्चों में पीनियल ग्रंथि को विकसित करके ऐसा सच मे किया जा सकता है।

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