देश में नवीन और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक सरकार ने कमर कस ली है। इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को जानकारी दी कि वर्तमान में कर्नाटक में 15,000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा मौजूद है। उन्होंने आगे कहा कि अगले पांच सालों में इस क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए ‘भारतीय ऊर्जा सप्ताह -2023’ में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक, देश की कुल अक्षय ऊर्जा का लगभग 50 प्रतिशत उत्पादन करने के लिए पहले स्थान पर है। सीएम बोम्मई ने आगे कहा कि अब, राज्य पंप भंडारण जैसे विभिन्न प्रकार के अक्षय ऊर्जा के भंडारण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट’ ने 9 कंपनियों को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का अवसर प्रदान किया था, जिसमें से 2 लाख करोड़ रुपये नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करने का अवसर प्रदान किया गया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और ईवी परिवहन वाहनों पर लगातार शोध चल रहे हैं। इन शोध का मकसद देश में ईवी की मैन्युफैक्चरिंग के मामले में राज्य को नंबर वन बनना है।
सीएम बोम्मई ने आगे कहा, ‘राज्य इथेनॉल, जैव ईंधन के उत्पादन में पहले स्थान पर है। चूंकि कर्नाटक में कई चीनी कारखाने हैं, एक युवा उद्यमी ‘विजय निरानी’ पूरे देश में बड़े पैमाने पर इथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं। इथेनॉल उत्पादन में राज्य बड़ा योगदान देगा। इसे ‘अधिकतम ईंधन’ और ‘न्यूनतम प्रदूषण’ के नारे के जरिए हासिल किया जाएगा।
बेंगलुरु में ‘इंडिया एनर्जी वीक-2023’ आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को धन्यवाद देते हुए सीएम ने कहा, ‘कोविड महामारी के बाद जीवन की परिभाषा नए लक्ष्यों, उपलब्धियों के साथ बदल गई है।” मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, ‘पीएम मोदी ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला चुके हैं।
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