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आज तमिलनाडु पश्चिम बंगाल अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में विभानसभा उपचुनाव..
मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटिंग जारी है। इस बार अलग राज्य की मांग, भ्रष्टाचार के खात्में सहित अन्य मुद्दों को लेकर लोग वोटिंग करने वाले हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन सरकार बनाने वाली भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने को लेकर इस बार पूरी ताकत लगाए है। वहीं, आज तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में विभानसभा उपचुनाव भी हैं।
मेघालय और नगालैंड दोनों में इस बार 59 सीटों पर ही मतदान हो रहा है।
मेघालय में सोहियांग सीट पर एक उम्मीदवार की मौत के बाद चुनाव टाल दिया गया तो वहीं नगालैंड की अकुलुतो सीट पर भाजपा के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार ने चुनाव से हटने का फैसला लिया है। इसके बाद भाजपा विधायक को पहले ही जीत मिल गई है।
मेघालय की बात करें तो विधानसभा चुनाव में भाजपा बड़ा लक्ष्य रखकर आगे बढ़ रही है। सीएम कोनराड संगमा की पार्टी NPP (नेशनल पीपुल्स पार्टी) से अनबन के बाद भाजपा इसबार अकेले चुनाव लड़ रही है और उसे सीटें बढ़ने की उम्मीद है।
(Meghalaya Election) मेघालय में इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां भाजपा, कांग्रेस, कोनराड संगमा की एनपीपी के साथ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भी मैदान में है। यहां कुल 13 पार्टियां मैदान में हैं। पूर्व सीएम मुकुल संगमा और कई अन्य कांग्रेस विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद अब वह मेघालय में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बन गई है।
मेघालय में इस बार उम्मीदवार अपने नामों से सबका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इनमें स्वीडन, थाईलैंड, त्रिपुरा, तिब्बत, गोवा और मेघालय, मूनलाइट पैरियट जैसे नाम शामिल हैं।
माना जा रहा है कि कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी की पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी पैठ बनाने की महात्वकांक्षा के चलते भी भाजपा से अनबन हुई है। अब एनपीपी की नजर नगालैंड पर भी है।
नगालैंडमें भी इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है और भाजपा अपनी साथी एनडीपीपी (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। भाजपा 20 तो एनडीपीपी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें कि नगालैंड में एनडीपीपी नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट 23 और 22 सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
नगालैंड में ईसाईयों की संख्या लगभग 85 फीसद है और इसी के चलते यहां सभी पार्टियां उनको लुभाने के लिए सुरक्षा और नई योजनाओं के वादे कर रही हैं।
उपचुनावों की बात करें तो तमिलनाडु में इरोड पूर्व, अरुणाचल प्रदेश में लुमला, पश्चिम बंगाल में सागरदिघी और झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट पर मतदान हो रहा है।
इरोड पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव सत्तारूढ़ DMK गठबंधन और विपक्षी पार्टी AIADMK दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके को इस चुनाव से सत्ता में रहने के बाद भी अपनी लोकप्रियता को साबित करना होगा। वहीं बंगाल में ममता की पार्टी टीएमसी को भी उपचुनाव में अपनी साख को बचाना होगा।