भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण फलों को पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करने पर सख्त रूख अपनाया है। उन्होंने व्यापारियों, फल विक्रेताओं और खाद्य व्यापार संचालकों (एफबीओ) को फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग न करने के लिए चेतावनी दी है। तो वहीं एफएसएसएआई स्पष्ट रूप से कहा है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एफएसएसएआई ने फलों को पकाने के लिए एथिलीन जैसे उपयुक्त पदार्थों का उचित तरीके से उपयोग करने को कहा है। एफएसएसएआई ने बयान में कहा कि फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक 2011 के उप-विनियमन के प्रावधान के तहत कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटलीन गैस फल पकाने में शामिल लोगों के लिए भी उतनी ही हानिकारक है। जितना यह फल का सेवन करने वालों के लिए है।
एफएसएसएआई ने यह पाया कि व्यापारी/हैंडलर अभी भी प्रतिबंधित सामग्री यानी कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग फल पकाने के लिए कर रहे हैं। तो वहीं उन्होंने यह भी पाया कि व्यापारी/हैंडलर एथिलीन गैस के स्वीकृत स्रोतों का गलत तरीके से उपयोग कर रहे हैं। इसलिए एफएसएसएआई ने निर्देश दिया है कि सभी व्यापारियों/फल संचालकों/एफबीओ के संचालन कक्षों को निर्देशों का सख्ती से पालन करना है।
एफएसएसएआई ने कहा कि फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए गलत तरीके से एथिलीन के स्वीकृत स्रोतों का उपयोग करने या किसी भी प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग करने से परहेज करने का निर्देश दिया जाता है। तो वहीं दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। FSSAI ने कहा कि फलों का पकना एक प्राकृतिक घटना है जो उपभोक्ताओं के लिए फलों को खाने योग्य, स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाता है।
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