रायपुर। राजधानी में हो रहे अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण के मामले में कलेक्टर और एसपी रायपुर के बीच विरुद्ध दायर नयी अवमानना याचिका में न्यायमूर्ति पी सेम कोशी और न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की युगल बेंच ने कलेक्टर और एसपी रायपुर को दिनांक 21 अप्रैल को नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि इसके पहले कलेक्टर और एसपी रायपुर के विरुद्ध ध्वनि प्रदूषण के मामले में तीन अवमानना याचिका दायर हो चुकी है, छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने तीसरी याचिका दायर की थी जो की लंबित है। कोर्ट ने आदेशित किया कि नई याचिका की सुनवाई भी छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा दायर लंबित अवमानना याचिका के साथ होगी।
याचिकाकर्ता अम्लीडीह, रायपुर निवासी संदीप तिवारी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि दुर्गा विसर्जन के दौरान कई वाहनों में डीजे रखकर बजाए गए, जबकि प्रशासन ने प्रेस रिलीज करके कहा था कि मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे या धुमाल नहीं बजने दिया जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि प्रशासन ऐसी विज्ञप्ति जारी करता है जिसके तहत स्कूल और अस्पताल जैसे साइलेंट जोन के पास 60 डेसिबल से अधिक आवाज बजाने पर कार्रवाई होगी। कोर्ट को बताया गया कि एम्स परिसर जंहा 900 बिस्तर का अस्पताल है, के परिसर में अस्पताल के बाजू में 1 नवंबर 2022 से 3 नवंबर तक ओरिना नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सेलिब्रिटीज को बुलाया गया था जहां पर देर रात तक ध्वनि प्रदूषण किया गया, परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई।
तिवारी ने चर्चा में बताया कि प्रशासन दिग्भ्रमित करने वाली प्रेस विज्ञप्ति जारी करता है, जिससे संदेश जाता है कि साइलेंट जोन में 60 डेसिमल तक के ध्वनि प्रदूषण किया जा सकता है, 60 डेसिबल से अधिक आवाज बजाने पर ही कार्रवाई होगी, जबकि कोर्ट के आदेशानुसार स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, ऑफिस जैसे साइलेंस जोन से 100 मीटर एरियल डिस्टेंस पर लाउडस्पीकर बजने पर कलेक्टर, एसपी को ध्वनि विस्तार यंत्रों को जप्त करना है।
रायपुर में तो आंबेडकर अस्पताल, कलेक्टर ऑफिस के सामने ही डीजे बजता देखा जा सकता है। प्रशासन विज्ञप्ति जारी करता है की साउंडबॉक्स मालवाहक वाहन से बाहर नहीं निकलने दिया जावे, जिसका संदेश जाता है कि अगर मालवाहक में साउंड बॉक्स बॉडी के अंदर ही रखा हुआ हो तो बजाया जा सकता है।
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