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सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में नवाचार के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार

रायपुर। सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में नवाचार के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार मिला है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित गर्भपात देखभाल पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम (National Consultation on Comprehensive Abortion Care) में राज्य को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रदेश के निजी चिकित्सालयों में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की उपलब्धता तथा एमटीपी अधिनियम (Medical Termination of Pregnancy Act) के पालन की निगरानी के लिए ई-कल्याणी एप (e-Kalyani Application) तैयार किया गया है। सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में इस नवाचार के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मातृत्व स्वास्थ्य के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र अग्रवाल और राज्य सलाहकार अभिलाषा शर्मा रात्रे ने छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।

देश में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की निगरानी के लिए एमटीपी एक्ट लागू किया गया है। मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) एक्ट, 2021 के अनुसार गर्भवती महिला 24 हफ्ते तक गर्भपात करा सकती है। यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, नाबालिग या गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव (विधवा और तलाक), शारीरिक रूप से अक्षम और मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को गर्भपात की अनुमति है। साथ ही वे महिलाएं भी गर्भपात करा सकती हैं जिनके गर्भ में पल रहे भ्रूण में विकृति हो।

प्रदेश में निजी चिकित्सालयों में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की उपलब्धता एवं एमटीपी एक्ट के पालन की निगरानी के लिए ई-कल्याणी एप तैयार किया गया है। इस एप के माध्यम से निजी चिकित्सालय अधिनियम के अंतर्गत सेवाएं प्रदान करने के लिए आवेदन कर सकती हैं जिसकी जिला स्तरीय समिति द्वारा समीक्षा कर अनुमति प्रदान की जाती है।

छत्तीसगढ़ में अभी ई-कल्याणी एप में 136 निजी चिकित्सालय पंजीकृत हैं जहां एमटीपी एक्ट के तहत सुरक्षित गर्भपात सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इनके साथ ही 193 शासकीय चिकित्सालयों में भी सुरक्षित गर्भपात संबंधी सेवाएं उपलब्ध हैं। राज्य में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं के संचालन में आईपास डेवलपमेन्ट फाउंडेशन (Ipas Development Foundation) द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

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