हाल के दिनों में कुछ एएमसी कंपनियों की ओर से स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में नया लंपसम निवेश बंद कर दिया गया है। इसके पीछे की वजह भारतीय बाजार का अपने उच्चतम स्तर पर होना है। अगर कोई ऐसे समय पर नया लंपसम या एकमुश्त निवेश करता है तो उस पर रिटर्न औसत से कम हो सकता है।
भारतीय शेयर बाजार के सभी मुख्य सूचकांक इन दिनों अपने उच्चतम स्तर पर हैं। सेंसेक्स, निफ्टी के साथ स्मॉल शेयरों ने भी निवेशकों को पिछले कुछ महीनों के दौरान शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन इस दौरान कुछ एएमसी कंपनियों ने स्मॉल कैप इंडेक्स फंड्स के लिए नए लंपसम निवेश को स्वीकार करने करने से इनकार कर दिया है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों की ओर से नया लंपसम निवेश न स्वीकार करने की वजह स्मॉल कैप इंडेक्स के साथ बाजार का रिकॉर्ड हाई पर होना है। जब भी कोई निवेश बाजार के रिकॉर्ड हाई पर किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करता है तो उसके निवेश पर अच्छा रिटर्न बनाना म्यूचुअल फंड कंपनियों के मैनेजरों के लिए मुश्किल हो जाता है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों की ओर से निवेश करते समय निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखा जाता है, जिससे कि उन्हें बेहतर रिटर्न दिया जा सके। ऐसे में अगर कोई निवेश इन स्मॉल कैप शेयरों में रिकॉर्ड स्तर पर लंपसम निवेश करता है तो उसके लिए रिटर्न औसत से कम हो सकता है और में कोई बड़ा करेक्शन आने पर नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है।
बता दें, स्मॉल कैप में 65 प्रतिशत निवेश मार्केट कैप के हिसाब से नीचे 251 नंबर और उससे नीचे की कंपनियों में किया जाता है।
भारतीय बाजार में पिछले कुछ महीनों के सकारात्मक रुझान बना हुआ है। बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स 66,000 अंक और एनएसई का बेंचमार्क निफ्टी 19,500 अंक के ऊपर पहुंच गया है। बाजार में तेजी की वजह एफआईआई की खरीदारी भी है।
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