मंगलवार को जिलेभर से छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के कर्मचारी एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए कलेक्टर परिसर पहुंचे। शांतिपूर्ण प्रदर्शन में उन्होंने अपनी पांच सूत्र मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
विदित हो कि हेल्थ फेडरेशन के हड़ताल तक कर्मचारियों की की वर्षों लंबित 5 सूत्रीय मांगे जिनमें प्रमुख रूप से वेतन में विसंगति कोविड-19 काल के दौरान उनको प्राप्त होने वाली अतिरिक्त भुगतान राशि अवकाश अवधि के दौरान प्राप्त होने वाला भुगतान आईपीएचएस सेटअप की स्वीकार्यता एवं भर्ती तथा पिंगा कमेटी की सिफारिश लागू करने को लेकर हैं।
ज्ञात हो कि उक्त हड़ताल मैं प्रदेश के 12 स्वास्थ्य संगठन के 40000 कर्मचारी शामिल हैं तथा इससे प्रदेश के 52 100 उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं 650 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज बुरी तरह प्रभावित होंगे।
इसके पूर्व सन 2018 में भी अपनी मांगों को लेकर 47 दिनों तक इनके द्वारा हड़ताल की गई थी तथा सन 2022 में 11 दिनों की हड़ताल की गई थी दोनों अवसरों पर राज्य शासन द्वारा आश्वस्त किया गया था की अतिशीघ्र इनकी मांगों का निराकरण किया जाएगा।
किंतु आज पर्यंत उनकी मांगों को लगातार राज्य शासन द्वारा नकारा गया तथा इस और कोई गंभीरता नहीं दिखाने से राज्य के संपूर्ण कर्मचारी आक्रोशित होकर हड़ताल करने पर मजबूर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव द्वारा देर शाम इन हड़ताल रत कर्मचारियों पर एस्मा लगाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं जिसके परिणाम स्वरूप 23 अगस्त को प्रदेशभर के समस्त कर्मचारी उक्त आदेश के विरोध स्वरूप राजधानी रायपुर में एकत्रित होकर अपना तीव्र विरोध प्रकट करेंगे।
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