CG NEWS:बिलासपुर जिले की कोटा विधानसभा सीट कांग्रेस टिकट की दावेदारी के दौर में ही हाई प्रोफाइल नजर आने लगी है । इस सीट पर कांग्रेस टिकट की देवदारी करने वालों में कई बड़े नाम सामने आए हैं। जो कई बड़े-बड़े ओहदे संभाल रहे हैं। इस सीट पर वापस कब्जा जमाने के लिए कांग्रेस किस चेहरे को मैदान में उतारेगी…. इस सवाल का जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा। लेकिन अपने ख़ास अंदाज में राजनीति करने वाले जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विजय केसरवानी ने जिस तरह से चुनावी तैयारी की है, उसे कोटा सीट पर कांग्रेस के “विजय” की दस्तक के रूप में देखा जा सकता है। जिंदगी के शुरुआती दिनों से ही कोटा इलाके से अपना जमीनी रिश्ता रखने वाले विजय केसरवानी ने हाल ही में अपने शो के ज़रिए एक तरह से मैसेज़ दिया है कि इस बार कोटा सीट से वे दावेदार ही नहीं है बल्कि टिकट के हकदार भी हैं।
बिलासपुर जिले में कोटा विधानसभा सीट करीब 100 किलोमीटर में फैली हुई है। जिसमें एक तरफ रतनपुर और दूसरी तरफ गौरेला – पेंड्रा शहर हैं। बीचो-बीच कोटा का इलाक़ा है। घने जंगलों, पहाड़ों, छोटे- बड़े नदी नालों से घिरे इस हरे भरे इलाके में आदिवासी समाज और पिछड़े तबके के लोगों की बड़ी आबादी है । इसके बावजूद राजनीतिक चेतना के मामले में भी यह इलाका काफी सजग माना जाता रहा है। कोटा इलाके ने मथुरा प्रसाद दुबे और राजेंद्र प्रसाद शुक्ला जैसे दिग्गज विधानसभा में चुनकर भेजे हैं। डॉ. श्रीमती रेणु जोगी पिछले काफी समय से इस इलाके से लगातार नुमाइंदगी कर रही है। कोटा सीट की एक दिलचस्प खासियत यह भी है कि शुरुआती दौर से अब तक हुए तमाम विधानसभा के चुनावों में यहां कांग्रेस को जीत हासिल होती रही। 2018 का पिछला विधानसभा चुनाव ही पहला ऐसा चुनाव था , जिसमें कांग्रेस टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन डॉ. श्रीमती रेणू जोगी के रूप में ऐसे उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी, जिनकी पार्टी के नाम के साथ भी जोगी कांग्रेस शब्द जुड़ा है।
बहरहाल 2023 के चुनाव में कांग्रेस के लिए यही एक चुनौती है कि उसे अपनी इस परंपरागत सीट को वापस हासिल करना है। जाहिर सी बात है कि इस मायने में कोटा सीट का चुनाव दिलचस्प होगा। अलबत्ता टिकट की दावेदारी ने ही इस सीट को हाई प्रोफाइल बना दिया है। इसका अंदाजा कोटा विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट दावेदारों की फ़ेहरिश्त को देखकर लगाया जा सकता है। जिसमें कई दिग्गजों के नाम है और जो खुद इस समय बड़े ओहदे संभाल रहे हैं। इसी कड़ी में बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष विजय केसरवानी भी इस बार कोटा सीट से दावेदार हैं। विजय केसरवानी की सियासत का अपना एक अलग अंदाज रहा है । जिसके जरिए उन्होंने अब तक सियासत में कई मुकाम हासिल किए हैं। ऊपर से पैराशूट की तरह थोपे जाने की बजाय ज़मीन से जुड़कर काम करने पर भरोसा रखने वाले विजय केसरवानी ने सीढ़ी के हर पायदान पर पांव रखते हुए ऊंचाइयां हासिल की है। कांग्रेस की स्टूडेंट यूनिट एनएसयूआई में रहकर छात्र राजनीति की। युवक कांग्रेस में रहकर नौजवानों की टीम को साथ लेकर चलने का हुनर सीखा। फिर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। पिता प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कोटा और पेण्ड्रा – गौरेला इलाके में पदस्थ रहे। इस दौरान विजय केसरवानी का बचपन भी कोटा- पेंड्रा- गौरेला इलाके में बीता। छात्र राजनीति में सक्रिय रहने के दौरान “कोटा वाले विजय” के रूप में उन्हें इसी वजह से पहचाना भी जाता रहा है। बेहतर संगठन क्षमता और रणनीतिक कुशलता के कारण छात्रों और नौजवानों के बीच राजनीति में उन्हें कामयाबी भी मिलती रही। लगातार सक्रियता के बावजूद विजय केसरवानी को हवाओं के विपरीत भी चलना पड़ा। उन्हें अपने आसपास लोगों से भी जूझना पड़ा । लेकिन हर दौर में उन्हें कामयाबी भी हासिल होती रही ।
कोटा विधानसभा सीट से “दावेदार” ही नहीं…. एक “हकदार” के रूप में सामने आ रहे विजय केसरवानी वैसे तो इस इलाक़े में पिछले काफी समय से सक्रिय रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों मे अपने जन्मदिन के दौरान बेलगहना इलाके के मिट्ठू- नवागांव में एक बड़ा जलसा कर उन्होंने अपनी “ताकत” भी दिखा दी है। इस जलसे की ख़ासियत रही कि कोटा विधानसभा क्षेत्र के रतनपुर- कोटा –बेलगहना- खोडरी, खोंगसरा, पेण्ड्रा- गौरेला जैसे तमाम हिस्से से लोग शामिल हुए। इसी तरह कोटा विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट के लिए आवेदन जमा करते समय भी विजय केसरवानी के समर्थन में नौजवानों ने बाइक रैली निकाली। जिसमें काफी उत्साह नजर आया। अपने खास अंदाज़ में हर जगह एक अलग छाप छोड़ने में माहिर विजय केसरवानी ने इस बार कोटा इलाके में नए पुराने सभी तरह के लोगों को अपने साथ जोड़कर एक मिसाल पेश की है। उनकी दावेदारी के पीछे सबसे वजनदार मुद्दा यही नजर आ रहा है कि स्थानीय ( लोकल ) होने की छाप लगी हुई है। जिसे वे साबित भी कर पा रहे हैं। वैसे भी इस बार कोटा विधानसभा क्षेत्र में इस बात का जोर अधिक है कि लोकल उम्मीदवार मैदान में उतारना चाहिए। जिससे कांग्रेस को फिर जीत हासिल हो सकती है।अगर पार्टी नेतृत्व ने इस मुद्दे को अहमियत दी तो इस बार कोटा सीट में स्थानीयता को लेकर समीकरण अलग होगा। ऐसा फिलहाल दिखाई दे रहा है।।
The post CG NEWS:चुनाव डेस्कः कोटा सीट पर काग्रेस के “विजय” की दस्तक….! appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.