नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED__) ने धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बलजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति की 7.88 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्ति जब्त की है। हरियाणा के पंचकूला में भूमि अधिग्रहण कार्यालय (एलएओ) द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए बढ़े हुए मुआवजे से जुड़ा है।
ईडी ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी, जिसमें भूमि मालिकों और भूमि अधिग्रहण कार्यालय के अधिकारियों दोनों को निशाना बनाया गया था।
ईडी की जांच से पता चला कि जमीन मालिकों ने अधिकारियों की मिलीभगत से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर गलत विशेष अनुमति याचिकाओं (एसएलपी) का हवाला देकर एलएओ से गलत तरीके से बढ़ा हुआ मुआवजा प्राप्त किया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 9.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ईडी की जांच से पता चला कि अयोग्य लाभार्थियों और उनके कानूनी उत्तराधिकारियों ने बढ़े हुए मुआवजे से उत्पन्न अपराध की आय को सावधि जमा, शेयरों, अचल संपत्तियों में निवेश किया था और इसका उपयोग व्यक्तिगत खर्चों के लिए भी किया था।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, पीएमएलए के प्रावधानों के अनुसार 7.88 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है। इससे पहले, इस मामले में 1.55 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां संलग्न की गई थीं। इस मामले में अपराध की आय की अब तक कुल कुर्की 9.43 करोड़ रुपये है।”
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