बेंगलुरु। मुख्य आरोपी चैत्र कुंडपुरा की गिरफ्तारी के 10 दिन बाद भी लिंगायत मठ के धार्मिक संत अभिनव हलश्री के फरार होने से भाजपा विधायक टिकट घोटाले से निपटने के विशेष विंग सीसीबी पुलिस के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक, साधु कोर्ट से अंतरिम जमानत लेने की कोशिश कर रहे हैं। यदि गिरफ्तारी में देरी होगी, तो स्वामीजी को जमानत मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
स्थानीय अदालत और पुलिस दावा कर रही है कि वे स्वामीजी को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कुंडापुरा ने हिरासत में रहते हुए मीडिया के सामने बयान दिया था कि अगर स्वामीजी को गिरफ्तार किया गया, तो मामले में बड़ी हस्तियों का हाथ सामने आएगा।स्वामीजी को पकड़ने में विशेष विंग की विफलता ने सवाल उठाए है।
मेडिकल रिपोर्ट और परीक्षणों से पुष्टि हुई है कि कुंडापुरा में मिर्गी के कोई लक्षण नहीं हैं। डॉक्टरों ने उसके गिरने के बाद निकले झाग को “नकली” करार दिया है।कुंडापुरा ने साबुन की एक टिकिया हासिल करने के बाद एक नाटक रचा था।
कुंडापुरा के लगभग चार दिनों तक अस्पताल में इलाज किए जाने पर भी सवाल उठाए गए हैं, जबकि सभी मेडिकल रिपोर्ट में स्थिति सामान्य बताई गई है।वहीं पुलिस ने एक आरोपी चन्ना नाइक को मीडिया के सामने आने के बाद ही हिरासत में ले लिया है।
कुंडापुरा को एक उद्योगपति, भाजपा नेता गोविंद बाबू पुजारी को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए विधायक टिकट का वादा करके 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने कुंडापुरा से 40 लाख रुपये नकद और 1.1 करोड़ रुपये की सावधि जमा, एक एसयूवी और 23 लाख रुपये से अधिक के सोने के गहने बरामद किए थे।
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