Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
मनमोहन सिंह के समय Railway को भले ही पैसा कम मिला…लेकिन ट्रेनें तो कैंसिल नहीं हुईं…!

बिलासपुर। “मनमोहन सिंह की सरकार के समय भले ही छत्तीसगढ़ को रेल्वे (Railway) के विकास के लिए आज के मुक़ाबले कम पैसे मिलते रहे हों…. लेकिन उस दौर में आज की तरह ट्रेनों को बेहिसाब रद्द नहीं किया जाता था…। इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात में चाहे जितना भी दम हो…. लेकिन छत्तीसगढ़ के आम लोग इसकी कीमत पर यात्री सुविधाओं को अब अनदेखा नहीं कर सकते । चूंकि पिछले काफ़ी समय से परेशानी झेलते-झेलते लोग अब तंग आ चुके हैं ….”। कुछ इस तरह के शब्दों के साथ लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की… जब उनसे पीएम नरेन्द्र मोदी की बिलासपुर रैली में रेल्वे को लेकर कही बातों का ज़िक्र किया गया।

परिवर्तन यात्रा के रैली में शामिल होने आए प्रधानमंत्री ने अपने लंबे भाषण में तथ्यों, तर्कों और आंकड़ों के साथ बताया कि केंद्र की BJP सरकार छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए किस तरह का काम कर रही है । इस बात को लेकर घपलों – घोटाले की चर्चा करते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर तीख़े हमले भी किये । उनके भाषण में इस बात का खास तौर से जिक्र आया कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार पहले के मुकाबले कितना अधिक रुपया भेज रही है ।

प्रधानमंत्री ने अपने लंबे भाषण के शुरुआती दौर में केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार को रिमोट पर चलने वाली सरकार बताते हुए जानकारी दी कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ को रेलवे के लिए सिर्फ 300 करोड़ रुपए मिलते थे । वही मौजूदा भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ में रेलवे के अधोसंरचना विकास के लिए 6000 करोड रुपए भेजे हैं। पीएम मोदी ने इन आंकड़ों को बार-बार दोहराया और लोगों से बार-बार इस बारे में पूछ पूछ कर एक तरह से उन्हें कंठस्थ करने की कोशिश की कि रेलवे के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पहले के मुकाबले अधिक पैसा भेज रही है ।

लेकिन इस इलाके के लोगों की उम्मीद थी कि अगर रेलवे पर बात होगी तो पिछले काफी समय से रद्द हो रही रेलगाड़िया की भी चर्चा होगी। लोग इस बारे में भी सुनना चाह रहे थे। लेकिन इस बात का जिक्र नहीं होने से लोगों को निराशा भी हुई है। जाहिर सी बात है कि बिलासपुर इलाके से रेलवे का गहरा नाता रहा है। इस इलाके में रेलवे का एक अलग अहमियत है और इसके साथ लोगों का भवनात्मक लगाव भी है । बिलासपुर में रेलवे जोन की मांग को लेकर बहुत लंबा जन आंदोलन चला था ।

जिससे यह बिलासपुर के इलाके के लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा है। इसकी अहमियत को देखते हुए पीएम मोदी ने मंच से याद दिलाया कि बिलासपुर में रेलवे जोन बीजेपी की सरकार ने बनाया था । उन्होंने अपने भाषण में बिलासपुर रेलवे जोन को देश के रेल नक्शे में भी महत्वपूर्ण बताया। लेकिन रेल गाड़ियां लगातार रद्द होने से त्रस्त आम लोग सुनना कुछ और चाह रहे थे…..।

जब इस पर कोई बात नहीं हुई तो लोगों के बीच यह प्रतिक्रिया सुनने को मिल रही है कि केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार के समय रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भले ही आज के मुकाबले कम पैसा मिलता रहा हो। लेकिन रेलगाड़िया तो इस तरह से रद्द नहीं की जाती थी । शायद हिंदुस्तान रेलवे के नक्शे में बिलासपुर जोन की रेल गाड़ियां सर्वाधिक रद्द की जा रही है। जब सरकार पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल की तुलना कर रही है तो लोग भी तुलना करेंगे ही…। समय पर समय ट्रेन रद्द किए जाने की खबर आती है।छत्तीसगढ़ के लोग पता नहीं अपनी किस गल्ती का ख़ामियाजा भुगत रहे हैं। जाहिर सी बात है कि लोग यदि यातायात की सार्वजनिक सुविधा के लिए सबसे अधिक रेलवे पर निर्भर हैं तो रेल गाड़ियां रद्द होने से आम लोग प्रभावित भी हो रहे हैं। लोग महसूस कर रहे हैं कि कोरोना काल में उस समय के हालत की वजह से रेल गाड़ियां रद्द की गई थी। लेकिन उसके बाद से रेलों का आना-जाना अब तक सुचारू रूप से शुरू नहीं हो सका है।

इसी तरह हवाई सुविधा से बिलासपुर को जोड़ने की मांग को लेकर पिछले काफ़ी समय से चल रहे आंदोलन को भी लगातार अनदेखा किया जाता रहा है।चर्चाओं में यह बात भी आ रही है कि छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सांसद भाजपा के हैं। लेकिन अब तक कभी ऐसी खबर नहीं आती की सांसदों ने रेल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर किसी तरह की पहल की हो। लोग महसूस करने लगे हैं कि छत्तीसगढ़ के सांसद इस मुद्दे पर अपनी बात रखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ।

हालत यह है कि कोरोना कल में जिन रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को स्टापेज बंद कर दिए गए थे, वहां पर स्टॉपेज की बहाली के लिए किसी सांसद की दो- चार -पांच चिट्ठियों के बाद अगर ट्रेन का स्टॉपेज फिर से शुरू होता है तो उसके लिए बाकायदा झंडी दिखाने का समारोह आयोजित किया जाता है। जैसे किसी नई ट्रेन का उद्घाटन समारोह हो रहा हो। इसके अलावा बीजेपी सांसद और कुछ नहीं कर पा रहे हैं ।दूसरी तरफ कांग्रेस ने हाल ही में ट्रेनों की बदहाली को लेकर छत्तीसगढ़ में आंदोलन किया था ।

कई जगह रेल रोके गए थे। इसका व्यापक भी असर हुआ था । लेकिन इस मामले में रेल्वे या केन्द्र सरकार की ओर से राहत की बात किए जाने की बजाय छत्तीसगढ़ को पहले से अधिक रुपया भेजने का दावा किया जा रहा है। आम लोगों में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया है। सोचने वाली बात यह भी है कि यदि सरकार मानती है की छत्तीसगढ़ और बिलासपुर के लिए रेलवे की बड़ी अहमियत है तो ट्रेनों को मनमाने तरीके से रद्द कि जाने से हो रही परेशानियों पर भी गौर करने की ज़रूरत नज़र आती है। शायद गौर करने लायक मुद्दा यह भी है कि चुनाव पर इसका उल्टा असर हो सकता है ।अगर रेलवे ज़ोन दिल से ज़ुड़ा हुआ मुद्दा है तो रेलगाड़ियां रद्द करने का मुद्दा भी दिल और दिमाग पर अपना असर डाल सकता है…।

The post मनमोहन सिंह के समय Railway को भले ही पैसा कम मिला…लेकिन ट्रेनें तो कैंसिल नहीं हुईं…! appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.

https://www.cgwall.com/even-though-railways-got-less-money-during-manmohan-singhs-tenure-trains-were-not-cancelled/