केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में छात्रों द्वारा की जा आत्महत्याओं को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा यह एक संवेदनशील मुद्दा है और छात्रों को तनाव मुक्त रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रधान ने कहा कि कोई भी जान नहीं जानी चाहिए और केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए पहल कर रहा है कि कोचिंग की आवश्यकता नहीं है और स्कूली शिक्षा पर्याप्त है। इस साल राजस्थान के कोटा में रिकॉर्ड छात्र आत्महत्याओं के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा, “यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। किसी की जान नहीं जानी चाहिए। वे हमारे बच्चे हैं। उनके साथ क्या हो रहा है, इसके बारे में उनके पास परिपक्वता या ज्ञान भी नहीं है। यह छात्रों को तनाव मुक्त रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
प्रधान ने कहा कि देश में पर्याप्त सकारात्मक मॉडल हैं, प्रौद्योगिकी के माध्यम से, सामाजिक पहुंच के माध्यम से, देखभाल और परामर्श के माध्यम से उन्हें दोहराया जाना चाहिए। एनसीईआरटी इस पर विचार-मंथन कर रहा है, शिक्षा विभाग भी काम कर रहा है। विभिन्न परिपत्रों और दिशानिर्देशों के साथ राज्य सरकार भी आ रही है। लेकिन समाज को इस मुद्दे पर कार्यान्वयन के मोर्चे पर मिलकर काम करने की जरूरत है।
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