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भारतीय सेना के मेजर को पांच साल की जेल की सजा..! जानिए क्यों ?

पीड़िता मेजर की घरेलू सहायिका की बेटी है, जो अधिकारी के आवास के सर्वेंट क्वार्टर में रहती थी। जनरल कोर्ट मार्शल को इस साल की शुरुआत में 7 इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल वाई श्योराण की ओर से बुलाया गया था। सूत्रों ने बताया कि अधिकारी को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की धारा 10 और 12 के तहत सजा दी गई है।

घरेलू सहायिका की ग्यारह साल की बच्ची से यौन उत्पीड़न के आरोप में दोषी पाए जाने पर सेना के एक मेजर को सजा सुनाई गई है। भारतीय सेना के जनरल कोर्ट मार्शल ने पांच साल की जेल की सजा और सेवा से बर्खास्तगी की सिफारिश की है।

सूत्रों ने बताया कि जनरल कोर्ट मार्शल ने पीड़िता की मां की ओर से लगाए गए आरोपों को सही पाया और घटना के समय दिल्ली छावनी में तैनात मेजर को सेवा से बर्खास्त करने के साथ-साथ पांच साल की जेल की सजा सुनाई।

पीड़िता मेजर की घरेलू सहायिका की बेटी है, जो अधिकारी के आवास के सर्वेंट क्वार्टर में रहती थी। जनरल कोर्ट मार्शल इस साल की शुरुआत में 7 इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल वाई श्योराण की ओर से बुलाया गया था। सूत्रों ने बताया कि अधिकारी को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की धारा 10 और 12 के तहत सजा दी गई है।

वकील आनंद कुमार ने आरोप लगाया कि जांच अदालत में अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और सबूतों के सारांश के साथ छेड़छाड़ की गई थी और इसे मुकदमे में कोर्ट मार्शल अधिकारियों के ध्यान में लाया गया था। वकील ने दावा किया कि उन्होंने साक्ष्य का सारांश दर्ज करने वाले अधिकारी को बुलाने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया।

बचाव पक्ष के वकील ने यह भी दावा किया कि पीड़िता के माता-पिता के मोबाइल फोन की जांच करने की उनकी याचिका भी मंजूर नहीं की गई। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि बल की ऐसी गतिविधियों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता की नीति है। सेना मुख्यालय ने ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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