श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि जिस राज्य में सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए लोगों को मरने के लिए मजबूर होना पड़ता हो, नैतिक रूप से ऐसे राज्य शासन को जारी रहने का कोई अधिकार नहीं है।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने रूपनगर में अमृतधारी बेरोजगार महिला प्रोफेसर की आत्महत्या मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि किसी राज्य सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि उसके नागरिक रोजगार का अधिकार नहीं मिलने से दुखी होकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि अमृतधारी महिला प्रोफेसर बलविंदर कौर के सुसाइड नोट में सरकार पर लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों।
ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि अपने नागरिकों को रोजगार देना हर राज्य सरकार का धर्म है लेकिन जब किसी राज्य के नागरिक महंगी पढ़ाई के बाद भी रोजगार पाने के लिए अपने परिवार और छोटे बच्चों के साथ सड़कों पर उतरते हैं तो यह राज धर्म की सबसे बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए लोगों को मरने के लिए मजबूर होना पड़ता हो, नैतिक रूप से ऐसे राज्य शासन को जारी रहने का कोई अधिकार नहीं है।
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