Congress Candidate Dilip Lahariya Biography in Hindi: कांग्रेस ने बिलासपुर जिले की मस्तूरी विधानसभा से दिलीप लहरिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। मस्तूरी विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है। इसे विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 32 के नाम से जाना जाता हैं। दिलीप लहरिया एक लोक गायक हैं। वह एक बार पूर्व में भी इस विधानसभा से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं।
दिलीप लहरिया का जन्म 3 मई 1968 को ग्राम पंचायत धनगंवा ब्लॉक मस्तूरी में हुआ था। उनके पिता का नाम मनोहर लहरिया है। दिलीप लहरिया ने हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा अर्जित की है। वह पेशे से कृषक है। इसके अलावा लोक गायन भी करते हैं। दिलीप लहरिया का विवाह 21 मार्च 1991 को अहिल्या लहरिया के साथ हुआ है। उनकी पत्नी की जन्म तिथि 1 जनवरी 1973 है। दिलीप लहरिया के चार पुत्र व एक पुत्री हैं। वह ग्राम पंचायत धनगांव पोस्ट ओखर तहसील मस्तूरी जिला बिलासपुर के निवासी हैं। उनका मोबाइल नंबर 99810 19399 हैं। दिलीप लहरिया को लोक गायन में रुचि हैं। कोई छत्तीसगढ़ी लोकगीतों को गाकर जनता में मशहूर हुए हैं। दिलीप लहरिया को विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लोग गायन कला के लिए पुरस्कृत किया गया हैं। उनकी कुल संपत्ति एक करोड़, 40 लाख 86 हजार रुपए हैं। दिलीप लहरिया पर एक अपराध मस्तूरी थाना में दर्ज हुआ हैं। जिसका अपराध क्रमांक 30/18 धारा 341,147 हैं।
छत्तीसगढ़ी लोकगीतों के देश के विभिन्न क्षेत्रों में सफल मंचन से प्रसिद्ध हुए दिलीप लहरिया को कांग्रेस ने 2013 में मस्तूरी विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया था। इसमें उन्होंने भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी को चुनाव हराकर जीत हासिल की थी। वे 2013 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। विधायक निर्वाचित होने के बाद 2014-15 में वे सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की कल्याण संबंधी समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहें।
2018 में भी कांग्रेस ने दिलीप लहरिया को प्रत्याशी बनाकर मस्तूरी विधानसभा से दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा था। पर उनके मुकाबले उतरे भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी ने चुनाव जीता था। कांग्रेस के दिलीप लहरिया तीसरे नंबर पर रहें थे। विजयी हुए बांधी को 67,950 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहें बसपा के जयेंद्र सिंह पाटले को 53,843 वोट मिले। कांग्रेस के प्रत्याशी रहे दिलीप लहरिया को 53,620 वोट मिले थे। तीसरी बार दिलीप लहरिया मस्तूरी से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे। खास बात यह है कि तीनों बार उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी ही हैं।