पर्यटन गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध जोशीमठ क्षेत्र में अब क्वांरीपास पर्यटकों का नया डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। औली व गोरसों के बाद क्वांरीपास में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। हालांकि यहां आने के लिए पर्यटकों को नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है।
पिछले साल अप्रैल माह से अब तक यहां 4519 पर्यटक पहुंचे हैं। वहीं अभी पर्यटकों के यहां पहुंचने का सिलसिला हर दिन बना हुआ है। जोशीमठ क्षेत्र में पर्यटकों की पहली पसंद औली और गोरसों रहते हैं। मगर अब धीरे-धीरे क्वांरीपास में भी पर्यटन गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। क्वांरीपास का ट्रैक औली और गोरसों के मुकाबले कठिन है।
बर्फबारी के समय ट्रैक काफी मुश्किल
क्वांरीपास जाने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। इस क्षेत्र में पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। पहला औली से गोरसों होते हुए क्वांरीपास पहुंचा जा सकता है लेकिन बर्फबारी के समय यह ट्रैक काफी मुश्किल हो जाता है। दूसरा रास्ता ढाक गांव से तुगासी होकर जाता है। यहां तुगासी तक वाहन से पहुंचने के बाद करीब आठ किमी दूर क्वांरीपास है।
ढाक में होम स्टे और यहां से सात किमी दूर खुलारा में टेंट की व्यवस्था है। इस साल क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक क्वांरीपास तक पहुंचे। औली में जहां बर्फ पिघल गई थी वहीं क्वांरीपास में पर्यटकों को अच्छी बर्फ मिली है।
स्थानीय पर्यटन व्यवसायी दिनेश भट्ट ने बताया कि इस साल औली में कम बर्फ पड़ी है जिससे पर्यटकों ने बड़ी संख्या में क्वांरीपास का रुख किया। यहां पर्यटकों को कई जगहों पर करीब एक फीट तक बर्फ मिली। वहीं नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि बीते अप्रैल से अब तक क्वांरीपास में 4519 पर्यटक पहुंचे हैं।
The post औली और गोरसों के बाद अब क्वांरीपास बना पर्यटकों की पसंद appeared first on CG News | Chhattisgarh News.