बिलासपुर—-अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही रामलला अपने गृह यानी मंदिर में प्रवेश किया है। कार्यक्रम का करोड़ों करोड़ लोग गवाह बने। देश विदेश से लोगों ने बधाई दी। इस दिन को शायद ही कोई याद नहीं रखना चाहेगा। पूरे देश ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आनन्द उठाया। यह बातें समाजसेवी और पर्यावरण संरक्षक श्याममोहन दुबे ने एक कार्यक्रम के दौरान कही।
श्याम मोहन दुबे ने बताया कि 22 जनवरी को आयोध्या पहुंचकर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखना मुश्किल है। इस बात को ध्यान में रखते हुए अरपा अर्पण महाअभियान “जन आंदोलन “ ने अभिनव पहल किया है। अरपा तट स्थित फेस 6-7 जहॉ लगभग 2100 पौधे लगे है। अरपा अर्पण महाभियान टीम ने स्थान को “श्रीराम- जानकी वाटिका ” नामकरण किया है।
श्याम मोहन ने बताया कि पंप हाउस, बोर्ड और अन्य दिवालों पर संक्षिप्त रामायण को चित्रित कर दर्शाने का काम तेज़ी से किया जा रहा है। मौके पर सुबह 9 बजे आचार्य सृजन शर्मा ने वैदिक रीति नीति से हवन – पूजा स्थल को गरिमामय बनाया। श्याम दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य भगवान राम का ननिहाल है। भगवान राम ने वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में बहुत समय तक निवास किया।
दण्डकारण्य यानी छत्तीसगढ़ की बहुत से घटनायें रामायण मे अकिंत है। श्रीराम को छत्तीसगढ़वासी अपना भॉजा मानते है..और अगाध स्नेह भी रखते है । अयोध्या और छत्तीसगढ़ के बीच बहु- बेटी का नाता है। इन्ही तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए अरपा अर्पण महाअभियान परिवार ने छत्तीसगढ़ के भॉजे श्रीराम और बहु माता सीता के नाम पर राम सीता वाटिका को समर्पित किया है।