बिलासपुर—-वित्त मंत्री ओपी चौधरी बजट ने अपना पहली बार और राज्य का 22 वां बजट पेश किया। अपने बजट में सभी वर्गों को कुछ ना कुछ जरूर दिया। लेकिन टकटकी लगाकर बैठे कर्मचारियों को निराश किया है। कर्मचारी नेता रोहित तिवारी ने बजट आने के बाद त्वरित प्रतिक्रिया दिया है कि सरकार ने फिर हमें आंदोलन के लिए मजबूर किया है। ना वेतन विसंगति को दूर किया गया और ना ही केन्द्र के समान महंगाई भत्ता ही दिया है। जबकि उम्मीद थी…
छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने बजट को दिल तोड़ने वाला बताया है। उन्होने त्वरित प्रतिक्रिया में कहा कि बजट ने कर्मचारियों को निराश किया है। तिवारी ने बताया कि भाजपा के घोषणा पत्र *मोदी की गारंटी* में कर्मचारियों से किए वादे किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया। बजट में किए गए एक भी वादे को शामिल नहीं किया गया है।
रोहित तिवारी ने कहा कि महगाई भत्ता, सातवे वेतन मान के एरियर्स की अंतिम किश्त का जिक्र नहीं किया गया है। जबकि नियमित रुप से कर्मचारियो का हक है। बजट में शामिल ही नहीं किया गया है। लिपिक समेत अन्य संवर्ग के वेतन विसंगति के अलावा हमारी किसी भी मांग पर गौर नहीं किया गया।
बजट आने के बाद कर्मचारी बहुत निराश हुआ है। चुनाव में कर्मचारी वर्ग ने सरकार ने पूर्ण समर्थन किया। ऐतिहासिक बहुमत से भाजपा की सरकार बनी। समझ नहीं आ रहा कि अब हम क्या करें। लेकिन इतना निश्चित है कि भाजपा सरकार ने एक बार फिर कर्मचारी संगठनों को संघर्ष और आंदोलन के लिए उकसाया है। इसी तरह घोषणा पत्र समिति के संयोजक विजय बघेल ने मुख्य मंत्री को हाल ही में महंगाई भत्ता समेत अन्य मांग को लेकर पत्र भी जारी किया था।