Vinayak Chaturthi April 2024: हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी के पर्व का बहुत महत्व माना जाता है. विनायक चतुर्थी का पर्व प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को समर्पित है. प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विशेष कृपा पाने के लिए उनकी पूजा की जाती और व्रत रखा जाता है.
मान्यता के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में गणेश जी की कृपा बरसती है जिसके परिणाम स्वरूप साधक के जीवन में सुख, शांति आती है और साधक को सभी प्रकार के कष्टों और संकटों से छुटकारा मिल जाता है. आइए जानते हैं अप्रैल महीने में विनायक चतुर्थी किस दिन है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 11 अप्रैल की दोपहर 3 बजकर 3 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 12 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का पर्व इस बार 12 अप्रैल, शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा.
पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन 12 अप्रैल को भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर के 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इसलिए गणेश जी की पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक समय साधक भक्तों के पास होगा.
12 अप्रैल को विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रोदय सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर होगा और चंद्रास्त रात 11:00 बजे होगा. इस दौरान चंद्रमा को नहीं देखा जाता है, क्योंकि विनायक चतुर्थी के व्रत में चंद्रमा के दर्शन करना वर्जित माना जाता है.
विनायक चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और दिन की शुरुआत देवी- देवता के स्मरण और उनको प्रणाम करने के साथ करनी चाहिए. इसके बाद घर की साफ सफाई करके स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. अब पूजा स्थल या घर के मंदिर की अच्छे से साफ सफाई करें, चाहें तो गंगाजल छिड़ककर भी मंदिर को शुद्ध कर सकते हैं. अब एक चौकी पर पीला या लाल साफ कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं और रोली, चावल से तिलक करें. अब फूल या पुष्प माला अर्पित करें. भोग के लिए फल और मिठाई अर्पित करें गणेश जी को मोदक और दूर्वा घास बेहद प्रिय हैं, इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं.
इसके बाद आरती करें. पूजा के अंत में गणेश जी कृपा, सुख, समृद्धि और धन वृद्धि के लिए गणेश जी से प्रार्थना करें और भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें. विनायक चतुर्थी की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप और गणेश चालीसा का पाठ करना भी शुभ फलदायी माना जाता है.