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गांव वालों ने खरीदा नामांकन फार्म…समाजसेवी दिलीप को बनाया प्रत्याशी…चंदाकर दिया 25 हजार

बिलासपुर—तखतपुर विधानसभा स्थित घुटकू क्षेत्र निवासी समाजसेवी दिलीप अग्रवाल ने भी नामांकन दाखिल किया है। दिलीप अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव में भी नामांकन दाखिल किया था। लेकिन गलतियों के कारण नामांकन रिजेक्ट हो गया। एक बार फिर दस गांव के गरीब लोगों ने नामांकन फार्म खरीदने के लिए चन्दा किया। ग्रामीण ने एलान किया कि सुख दुख का साथी दिलीप अग्रवाल को लोकसभा चुनाव लड़ाएंग।

पिछले तीन दिनों में अब तक कुल 29 लोगों ने नामांकन फार्म खरीदकर लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। इसमें एक नाम दिलीप अग्रवाल का भी सामने आया है। बताते चलें कि समाजसेवी दिलीप अग्रवाल तखतपुर विधानसभा के घुटकू गांव क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होने विधानसभा चुनाव में भी नामांकन दाखिल किया था। किन्ही कारणों से नामांकन रद्द होने के कारण चुनाव मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला।

जानकारी हो कि दिलीप अग्रवाल एनसीपी और आम आदमी पार्टी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्तमान में सामाजिक कार्यक्रमों से जुड़े हुए हैं। घुटकू और आसपास के गांव में बड़ा जनसमर्थन है। जब तब ग्रामीणों के सुख दुख में भागीदार होते हैं। खासकर कोयला उद्योग और किसानों के बीच जंग का प्रतिनिधित्व किया है।

दिलीप अग्रवाल ने बताया कि मेरे पास रूपया नहीं है। इसलिए चुनाव लड़ने का सवाल ही नही उठता है। बिना बताये ग्रामीण जनता ने 100 लोगों से चन्दा किया। 25000 रूपए एकत्रित होने के बाद ग्रामीणों ने दिया और चुनाव में उतरने का फरमान सुनाया है। यद्यपि जनता की सेवा करने के लिए उन्हें राजनीति के मैदान में उतरने की जरूरत नहीं है। लेकिन जनता की भावनाओं को ठुकरने की हिम्मत भी नहीं है।

दिपीप ने बताया कि उन्हें हार जीत से मतलब भी नहीं है। यदि जनता ने फैसला किया है तो मैदान मैें उतरेंगे। हमेशा की तरह गरीबों की आवाज बनेंगे। इस असीम प्यार के लिए मैं जनता का हमेशा आभारी रहूंगा। नामांकन खरीदने दिलीप के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि दिलीप ने हमेशा जनता के हित में दिन और रात नहीं देखा। हम परिणाम जानते हैं..लेकिन दिलीप को मैदान में उतारकर बताना भी चाहते हैं कि जो काम करेगा..जनता उसे पसंद करेंगी। चुनाव का खर्च गांव के लोग मिलकर उठाएंगे।

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