बिलासपुर—बोर्ड एग्जाम में परिणाम अनुकूल नहीं…लेकिन घबराना कतई नहीं..निराश होने की तो जरूरत ही नहीं है। क्योंकि हर असफलता के बाद सफलता इंतजार में खड़ी रहती है। यह बातें कलेक्टर अवनीश शरण ने अपनी दसवी की मार्कशीट दिखाते हुए कहीं। उन्होने बताया कि अनुकूल परिणाम नहीं आने की सूरत में बच्चों से निवेदन है कि गलत कदम ना उठाएं।क्योंकि उन्हें भी असफलता हाथ लगी है। विद्यार्थी जीवन में उन्हें भी प्रतिकूल परिणाम का सामना करना पड़ा है।
बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने अपनी दसवीं अंकसूची कर जारी कर बच्चों प्रतिकूल परिणाम आने के बाद ना तो घबराना है और ना ही गलत कदम उठाना है। देखने में आया है कि कम अंक आने के बाद बच्चे निराश हो जाते हैं। अथवा गलत उठा लेते हैं। ऐसा करना किसी भी सूरत में ठीक नहीं है। उन्होने अपना 10th क्लास की मार्कशीट सोशल मीडिया मे शेयर किया। अर्चित अंक के बारे में भी बताया।
कलेक्टर ने बताया कि अध्ययन के समय बच्चों का कांसेप्ट क्लियर होना चाहिए। क्योंकि इसका सकारात्मक रिजल्ट एक दिन जरूर सामने आएगा। सफलता जरूर मिलेगी। लेकिन गलत उठाने से किसी को फायदा नहीं होने वाला है। कलेक्टर ने एग्जाम प्रेशर नाम से एक अवेयरनेस फ़िल्म वीडियो और पोस्टर लॉन्चिंग भी किया।
फ़िल्म के राइटर और डायरेक्ट रामा नन्द तिवारी ने बताया कि यह फ़िल्म बच्चों के रिजल्ट के प्रेसर को कम करेगा। साथ ही निरंतर प्रयास को प्रेरित भी करेगा। एक दिन ऐसा भी आएगा कि बच्चे अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल करेंगे। इसका उदाहरण कलेक्टर अवनीश शरण हैं। जिन्होने मजबूत इच्छाशक्ति से देश के सबसे बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल की है।
फ़िल्म में अवनीश शरण ने बताया कि कक्षा दसवीं में कम नम्बर मिलने के बाद भी निराश नहीं हुए। राज्य स्तर पर 23 एग्जाम में उन्हें असफलता मिली। लेकिन निरंतर प्रयास कर संघ लोक सेवा आयोगि की परीक्षा को पास किया। आज कलेक्टर हैं। कलेक्टर ने बताया कि लोग सच ही कहते हैं कि हर असफलता के सफलता हाथ फैलाकर स्वागत करने को तैयार खड़ी है। मतलब असफलता ही सफलता की कुंजी है। फ़िल्म मे शैक्षिक गुणवत्ता को लेकर अटल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीन वाजपई ने स्टूडेंट का विशेष सहयोग किया है।