UP News/अभी हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं क्योंकि इन क्षेत्रों के विधायक सांसद चुन लिए गए हैं। इस उपचुनाव में भाजपा को एक बार फिर कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। प्रदेश की जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से तीन भाजपा के पास थीं।
इसमें एक पर भाजपा के सिंबल पर निषाद पार्टी का उम्मीदवार विजयी हुआ था। इसके अलावा चार सीटें सपा के पास और एक रालोद के पास थी। उनके इस्तीफे के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव की करहल विधानसभा सीट खाली हो जाएगी। वह नेता प्रतिपक्ष भी हैं। वह अब कन्नौज से सांसद बन गए हैं।
अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा भी अब सांसद चुन लिए गए हैं। अयोध्या की मिल्कीपुर के विधायक अवधेश प्रताप सिंह फैजाबाद के सांसद बन गए। इसी तरह संभल की कुंदरकी विधानसभा से विधायक जियाउर्रहमान बर्क अब संभल सीट से चुनाव जीत कर सांसद बन गए है।
पश्चिम की मीरापुर सीट से विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद चुने गए हैं। इन सीटों पर छह महीने के भीतर चुनाव होना है। दरअसल भाजपा के सामने अपनी तीन सीट बचाने के साथ विपक्ष की सीट छीनने की चुनौती है क्योंकि अभी चार जून आये उपचुनाव के नतीजों में भाजपा को दो और सपा को दो सीट मिली। भाजपा को राबर्ट्सगंज की दुद्धी सीट गंवानी पड़ी है।
लोकसभा चुनाव के परिणाम अब सामने आ चुके हैं। हरियाणा की अगर हम बात करें तो यहां की दस में से पांच सीटों पर भाजपा और पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। हालांकि, भाजपा नेता, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी मनोहर लाल की ओर से लगातार प्रदेश की सभी दस सीटों पर जीत का दावा किया जा रहा था।
भाजपा की सीट कम होने पर अब प्रदेश के पूर्व सीएम मनोहर लाल का बयान सामने आया है। मनोहर लाल ने कहा कि जाहिर है कि जितना लक्ष्य निर्धारित किया था, उतना हासिल नहीं कर पाए, फिर भी जो परिणाम आए हैं उसे हम स्वीकार करते हैं। हार की वजहों की समीक्षा की जाएगी, प्रत्याशी की ओर से कमी रही हो या फिर पार्टी की ओर से या जनता की हमसे जो उम्मीदें थे, उसमें कोई कमी रह गई हो। इन सभी बातों पर समीक्षा की जाएगी और कमी दूर की जाएगी। राहुल गांधी के इंडी गठबंधन की जीत के दावे पर उन्होंने कहा कि वह जीत नहीं पाए हैं।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस नेताओं ने गलत बयानबाजी कर जनता को भ्रमित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि बिना किसी विवाद के चुनाव पूरा हुआ, उसके लिए प्रदेश की जनता, संस्थाओं और चुनाव आयोग का आभार।
लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ अपना इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस्तीफा स्वीकार कर करते हुए पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद से नई सरकार बनने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के परिणाम में इस बार भाजपा बहुमत से दूर है लेकिन एनडीए बहुमत के पार है।