पुलिस कप्तान रजनेश सिंह के अभिनव पहले से गुम मोबाइल लौटाए जाने के दौरान मोबाइल मालिकों की खुशी आज देखते ही बनी। पुलिस कप्तान ने बताया कि गुम सभी मोबाइल को छत्तीसगढ के विभिन्न जिलो समेत देश के लग अलग राज्यों से बरामद किया गया है। मध्य प्रदेश, तेलंगाना, झारखण्ड, उडीसा और महराष्ट्र से कुल 200 गूुम मोबाईल पुलिस कब्जे में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दिया कि लौटायी गयी गुम बरामद मोबाईल की कीमत करीब तीस लाख रूपयों से अधिक है। बरामद सभी मोबाइल की गुम होने की शिकायत थाने में दर्ज है। बावजूद इसके मोबाइल धारकों को विश्वास नहीं था कि दुबारा गुम मोबाइल मिलने की कोई संभावना है। बावजूद इसके बिलासपुर पुलिस टीम ने साइबर टीम के साथ अभियान चलाकर ना केवल देश के कोने कोने से मोबाइल बरामद किया। बल्कि आज गुम मोबाइल को खोने वालों के हवाले किया जा रहा है। रजनेश सिंह ने इसके लिए पूरी टीम को बधाई दी है।
कार्यक्रम के दौरान एसीसीयू बिलासपुर में पदस्थ उप निरीक्षक प्रभाकर तिवारी ने बताया कि वर्तमान में प्रचलित सायबर ठगी के नये प्रारूप सेक्सटार्सन यानी वीडियो कॉलिंग के माध्यम से किया जा रहा है। वॉट्सएप्प की डी.पी. बदलकर अपराधी ठगी को अंजाम दे रहे हैं। कभी बिटकॉईन तो कभी टूरिजम प्लॉन के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। इसके अलावा कस्टमर केयर के नाम पर या फिर ऑनलाईन लोन एप्प और अन्य तरीको से ठगी की गतिविधियों से ठगी का गोरखधंधा चल रहा है। हमें इससे ना केवल सावधान बल्कि बचने की जरूरत है। किसी प्रकार की आशंका होने पर पुलिस को जानकारी भी साझा करने की जरूरत है।
आपकी एक आस,आपकी अमानत,आपके पास कार्यक्रम के दौरान पुलिस कप्तान के हाथों खोयी हुई मोबाइल पाकर लोगों की खुशियां देखते ही बन रही थी। इस दौरान एसीसीयू प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, उप निरीक्षक अजहरुद्दीन प्रधान आरक्षक देवमुन सिंह पुहुप, आरक्षक तरूण केशरवानी, बोधूराम कुम्हार विरेन्द्र गंधर्व, निखिल रॉव, प्रशांत सिंह, प्रशांत राठौर, तदबीर सिंह, सत्या पाटले, विकास राम्, मुकेश वर्मा, सतीश भारद्वाज, नवीन एक्का, शकुन्तला साहु और एसीसीयू की सम्पूर्ण टीम मौजूद थी।