ITR Filing:आप नौकरी करते हों या आपका अपना कोई कारोबार है, एक व्यक्तिगत टैक्सपेयर के तौर पर आपको 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना होता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने को बेहद आसान बना दिया है।
ITR Filing: अगर आप खुद से फाइल करना चाहें तो आसानी से कर सकते हैं। हां, इसके लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े फॉर्म को समझना जरूरी है।
ITR Filing: मतलब आपके लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म उचित है, इसे समझ लेंगे तो आपको आसानी होगी। इससे कन्फ्यूजन नहीं होगा तो जाहिर है गलतियां नहीं के बराबर होंगी।
फॉर्म ITR 1, उस निवासी व्यक्ति के लिए है, जिनकी कुल आय वित्त वर्ष के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है। साथ ही जिनकी आय सैलरी, एक गृह संपत्ति, दूसरे स्रोतों (ब्याज आदि) से और कृषि आय (5,000 रुपये तक) से है, को फॉर्म ITR 1 फाइल करना चाहिए। यहां अन्य स्रोतों से आय का मतलब बचत खातों से ब्याज, जमा राशि से ब्याज (बैंक/डाकघर/सहकारी समिति), आयकर रिफंड से ब्याज, बढ़े हुए मुआवजे पर प्राप्त ब्याज, कोई अन्य ब्याज आय और पारिवारिक पेंशन से है।ITR Filing
फॉर्म ITR 2, ऐसे व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से होने वाले लाभ या प्राप्ति से नहीं होती है। यानी उनका व्यवसाय या पेशे के लाभ और मुनाफे से आय नहीं है और व्यवसाय या पेशे के लाभ और मुनाफे से भी आय नहीं है। ऐसे समझें कि जो ITR-1 दाखिल करने के लिए पात्र नहीं हैं, वह फॉर्म ITR 2 फाइल करेंगे।
इनकम टैक्स रिटर्न में फॉर्म ITR 3 उनके लिए है, जिन व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए इनकम व्यवसाय या पेशे से होने वाले लाभ और प्राप्ति से होती है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, फॉर्म ITR 4 ऐसे व्यक्ति, एचयूएफ और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) जो निवासी हैं और जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपये तक है और जिनकी व्यवसाय और पेशे से इनकम धारा 44एडी, 44एडीए या 44एई के तहत कैलकुलेट की जाती है और जिनकी कृषि आय 5,000 रुपये तक है।
इनकम टैक्स रिटर्न में फॉर्म ITR 5, वैसे व्यक्ति, एचयूएफ, कंपनी और फॉर्म आईटीआर-7 दाखिल करने वाले व्यक्ति के अलावा अन्य व्यक्तियों को फाइन करना होता है।ITR Filing
ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक,धारा 11 के अंतर्गत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए फॉर्म ITR 6 फाइल करना होता है।
वैसी कंपनियों सहित उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें सिर्फ धारा 139(4ए) या 139(4बी) या 139(4सी) या 139(4डी) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करना जरूरी है, को फॉर्म ITR 7 फाइल करना होता है।