CG NEWS:बिलासपुर । हाल की एक घटना से सभी का दिल दहल गया था। जब यह खुलासा हुआ कि छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के मस्तूरी इलाके में एक मां ने अपने 24 दिन के बच्चे को कुएं में फेंक दिया और उसकी मौत हो गई। मां को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और यह सवाल भी उठा कि एक मां अपने ही हाथों से अपने बच्चे की जान कैसे ले सकती है । क्या ऐसी भी निर्मम मां हो सकती है….। लेकिन इस वारदात के चंद दिनों बाद ही एक ऐसी तस्वीर सामने आई जो मां की ममता पर उठ रहे सवालों का खुद जवाब दे रही है।
यह तस्वीर जंगल प्रेमी वरिष्ठ पत्रकार प्राण चड्ढा और सत्य प्रकाश पांडे की लगन, कड़ी मेहनत और धैर्य के बाद सामने आई है। उनकी ओर से सोशल मीडिया में साझा किए गए वीडियो में साफ झलक रहा है कि टिटिहरी पक्षी अपने बच्चों को तेज बारिश से किस तरह बचाती है । यह तस्वीर बिलासपुर से 23 किलोमीटर दूर मोहनभाठा की है। यह तस्वीर ख़ुद बयान कर रही है कि आसमान में छाई काली घटाओं और मानसूनी फुहार को देखकर टिटिहरी पक्षी किस तरह अपने दो बच्चों को आवाज देकर अपने पास बुला लेती है। वह अपने पंख इस तरह फैला लेती है कि नन्हे बच्चे उसके नीचे छिप जाते हैं । जैसे उन बच्चों को छत मिल गई हो। बारिश की मोटी- मोटी बूंदों को मां खुद सहती है और भीगती रहती है । लेकिन उसके बच्चे महफूज रहे। पशु – पक्षियों के जानकार प्राण चढ्डा बताते हैं कि टिटिहरी पक्षी के पैर में तीन उंगलियां होती है। वह पेड़ों पर बैठ नहीं सकती, इसलिए जमीन पर ही अंडे देती है और वहीं उसके बच्चे पलते हैं। ऐसे में बच्चों को बड़ा करना बहुत कठिन होता है। बरसते पानी में इस तरह की तस्वीर लेना भी बहुत कठिन काम था । लेकिन प्राण चढ्डा और सत्यप्रकाश पाण्डेय की लगन ने इस लम्हे को कैमरे में कैद कर मां की ममता के इस लाजवाब उदाहरण को दुनिया के सामने ला दिया।
तड़क-भड़क की इस दुनिया में जब किसी मां के हाथों बच्चे की मौत की खबर सुर्खियां बनती हैं, तब शहर से कोसों दूर जंगल से आ रहा बेजुबान पंछी का यह संदेश हौसला देता है कि मां की ममता कभी मर नहीं सकती ।मां भले ही बेजुबान हो, ममता उससे कभी अलग नहीं हो सकती। यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है । और इसे देखकर लोग पोस्ट कर रहे हैं कि मां की ममता का सशक्त उदाहरण पेश कर रही यह तस्वीर प्रेरक, लाजवाब और पुरस्कार के योग्य है।
यह वीडियों आप लिंक क्लिक कर देख सकते हैं…..