नई दिल्ली | डेस्क: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने कहा है कि वो चाहती हैं कि तीस्ता नदी से जुड़ी हुई परियोजना का काम भारत करे. उन्होंने कहा कि इसके लिए चीन तैयार है लेकिन भारत हमारी प्राथमिकता होगा क्योंकि भारत से ही पानी बांग्लादेश में आता है.
लगभग एक अरब डॉलर की तीस्ता परियोजना को लेकर माना जा रहा था कि बांग्लादेश इसे चीन को सौंप सकता है. ऐसा होने पर भारत के लिए रक्षा संबंधी कई मुश्किलें पैदा हो सकती थीं.
पीएम मनमोहन सिंह के ज़माने में 2011 में भारत और बांग्लादेश के बीच इस परियोजना को लेकर समझौता हुआ था. लेकिन ममता बनर्जी के विरोध के बाद मामला आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी ने भी इस परियोजना पर आगे बढ़ने की घोषणा की थी. लेकिन यह मामला भी अटका रहा.
अब दस साल बाद शेख़ हसीना ने अपना चीन दौरा बीच में रद्द कर ढाका लौटने के बाद यह घोषणा की.
शेख़ हसीना ने कहा, ”मैं चाहती हूं कि ये परियोजना भारत पूरी करे क्योंकि तीस्ता का पानी भारत से होकर आता है. अगर हमें उनसे पानी चाहिए तो ये काम भारत को करना चाहिए. इस प्रोजेक्ट में जो चाहिए होगा, भारत वो मुहैया करवा सकेगा.”
शेख़ हसीना ने कहा, ”हमारा दक्षिणी बंगाल काफ़ी नज़रअंदाज़ हुआ है. मैंने चीन से दक्षिणी क्षेत्र के विकास के लिए कहा है. पिछड़ा होने के कारण यहां काम करना मुश्किल है.”
उन्होंने कहा कि “मैंने काम को बाँट दिया है. ऐसा करके हमारा काम आसान होगा. मैं ढंग से काम कर पाऊंगी.”
उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपने संबंध बेहतर रखना चाहती हूं.
लगभग 414 किलोमीटर लंबी तीस्ता नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करती है.
बांग्लादेश इस परियोजना के तहत बाढ़ पर रोक लगाने, ज़मीन का कटाव रोकने, बांग्लादेश के हिस्से में बैराज बनाने, कुछ जगहों पर नदी की चौड़ाई पांच किलोमीटर से घटा कर कम करने का काम करना चाहता है.
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