रायपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में गौ हत्या का मामला सामने आया है. इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने आरोपियों के पास से गौ मांस और हथियार बरामद करने का दावा किया है.
जिले की शंकरगढ़ पुलिस के मुताबिक, पुलिस को खबर मिली थी कि ग्राम महुआडीह निवासी मोहसिम अंसारी अपने साथी अफरोज अंसारी के साथ गाय को मारने चलगली जंगल ले गया है. ये लोग मोहर्रम मनाने के लिए ऐसा करने वाले हैं.
इस सूचना पर पुलिस की टीम देर रात चलगली जंगल पहुंची. रास्ते में पुलिस को बाइक सवार दो युवक आते हुए दिखाई दिए. उनके हाथ में प्लास्टिक बैग में कुछ सामान भी रखा था.
पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया तो वे बाइक छोड़कर भागने लगे. इस पर पुलिस ने दोनों को घेराबंदी कर पकड़ लिया.
पुलिस ने बताया कि चलगली के टेलवा खान उर्फ शाह मोहम्मद ने अपनी गाय को मारकर मोहर्रम के मौके पर भोज की योजना बनाई थी.
टेलवा खान के कहने पर चलगली निवासी रवि कुमार घासी, जसवंतपुर के मनसू (पहाड़ी कोरवा), परशु राम (पहाड़ी कोरवा), मोहसिम अंसारी और अफरोज अंसारी ने साथ मिलकर गाय को मारा और मांस का बंटवारा कर लिया.
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने उनके पास से गाय का कच्चा मांस, गाय की खाल, पूंछ और औजार जब्त करने का दावा किया गया है.
आरोपियों के खिलाफ धारा 299, 325 बीएनएस और छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम की धारा 5,6,10 के तहत कार्रवाई की गई है. आरोपियों को कोर्ट में पेश कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.
बुधवार को ही राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में भी एक महिला को गौ-मांस के साथ पकड़ी गई है. उसके पास से 7 किलो मांस बरामद हुआ है.
स्थानीय गौ-सेवकों की शिकायत के पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है.
पुलिस की पूछताछ में महिला ने मांस आरंग से लाना बताया है.
मांस किसके पास से लाया गया, पुलिस उस तक पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है.
पिछले कुछ महीनों में राज्य में गौ-मांस की बिक्री या गौ-मांस के उपयोग के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ़्तार भी किया है.
इसी महीने की 6 तारीख को जांजगीर-चांपा ज़िले में गौ मांस रखने के आरोप में पुलिस ने बुदेश ऊर्फ शेर सिंह को गिरफ़्तार किया था.
ज़िले के बाराद्वार थाने के डूमरपारा गांव के रहने वाले शेर सिंह के घर से गाय के कई अंग बरामद किए गए थे.
पुलिस के अनुसार आरोपी के घर पर गौ-मांस होने की सूचना के बाद छापा मारा गया था, जहां गाय के कई अंग बरामद किए गए.
आरोपी शेर सिंह के खिलाफ पुलिस ने छत्तीसगढ़ कृषक पशु अधिनियम 2004 के तहत कार्रवाई करते हुए, उसे गिरफ़्तार किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
पिछले महीने 25 जून को पुलिस ने सूरजपुर जिले के करंजी चौकी क्षेत्र के ग्राम पंचायत दतिमा में लक्ष्मी नारायण सारथी, पिता चंदन सारथी, उम्र 50 वर्ष को गौ-मांस रखने और पकाने के मामले में गिरफ़्तार किया था.
इस मामले में ग्राम पंचायत झूमरपारा निवासी दूध प्रसाद सारथी पर आरोप था कि उसी ने, लक्ष्मी नारायण सारथी को गौ मांस उपलब्ध करवाया था.
लक्ष्मी नारायण के अलावा इस वारदात में शामिल दतिमा निवासी हीरालाल सारथी को भी आरोपी बनाया गया था.
जून महीने की ही 23 तारीख को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर में गौवंश को काटकर खाने और बेचने मामला सामने आया था.
जिले के कांसाबेल थाने की पुलिस ने मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से कुल 90 किलोग्राम बैल का मांस जब्त किया गया.
पुलिस को सूचना मिली थी कि सहरापानी घुघरीनाला के किनारे कुछ लोग खाने एवं विक्रय की नियत से बैल को मारकर उसका मांस काट रहे हैं. सूचना के आधार पर पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें देखकर आरोपी भागने लगे.
पुलिस ने घेराबंदी कर सेबेस्टिन तिग्गा, सनातन लकड़ा, पैकस लकड़ा, संतोष लकड़ा, उत्तम दान, सुमन टोप्पो, जुवेल दान और विनित को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के पास से 5 किलो क्षमता वाली 10 प्लास्टिक की थैलियों में 50 किलो एवं प्लास्टिक की एक बोरी में 40 किलोग्राम मांस के टुकड़े, बैल के शरीर के चमड़े, चारों पैर खुर सहित बरामद किया गया.
16 जून को बिलासपुर जिले के कोटा में गाय मांस काटने को लेकर एक ही परिवार के चार लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया था.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुन्नी अनंत, पंकज अनंत, इंद्रजीत अनंत और रजनी अनंत को रंगे हाथों पकड़ा था.
कोटा क्षेत्र के ग्राम टाड़ा में एक परिवार के लोगों द्वारा गाय को काटकर उसका मांस निकालने की सूचना मिली थी, जिसकी जानकारी पुलिस को दी गई. जिसके बाद पुलिस ने इन चारों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था.
आरोपियों का कहना था कि वे मरी हुई गाय को काट कर मांस निकाल रहे थे. इस मांस को वे 100 रुपये प्रति किलो में बेचते हैं.
बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले में पुलिस ने 30 अप्रेल को एक पारिवारिक समारोह में गौ-मांस पकाने के मामले में एक आरोपी को गिरफ़्तार किया था.
आरोप है कि इन लोगों ने न केवल गाय का मांस पकाया, बल्कि शेष बचे अवशेष को छुपाने की नीयत से जमीन में गाड़ दिया था.
सप्ताह भर बाद इस मामले में पुलिस ने परवेज अंसारी, जेनूल शेख, सत्तार मोहम्मद, मुस्तफा शेख और मो. शराबुद्दीन अली को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था.
इसी साल 9 अप्रैल को कवर्धा ज़िले के कोतवाली थाना के लालपुर गांव में एक नर्सरी के पीछे गौ-मांस के साथ पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया था.
इन पर आरोप था कि ये गौ-मांस को छोटे-छोटे टुकड़े में कर के, बोरे में भर रहे थे.
पुलिस ने इस मामले में रविदास नगर इलाके के रहने वाले राजेन्द्र बांधेकर, रज्जू महोबिया, लक्ष्मण रात्रे, जितेन्द्र रात्रे, मुकेश लांझी और दिनेश खरे के खिलाफ आईपीसी की धारा 429, 34 व 4,6,10 छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 के तहत मामला दर्ज किया था.
इसी साल 2 मार्च को जांजगीर-चांपा ज़िले के शिवरीनारायण थाने के ग्राम धरदेई में जीवन लाल मोची को पुलिस ने गौ-मांस के साथ गिरफ़्तार किया था.
आरोप है कि जीवन लाल मोची गांव में घूम-घूम कर गौ-मांस बेच रहा था.
ग्रामीणों ने इसकी ख़बर पुलिस को दी, जिसके बाद गौ-मांस के साथ जीवन लाल को गिरफ़्तार किया गया.
फरवरी महीने में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत भी गौ हत्या कर मांस बेचने के आरोप में 6 आरोपियों को पुलिस ने घर दबोचा था.
ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी.
पुलिस ने इस मामले में अजीत तिर्की, परश्याम टोपणो, रंजित तिग्गा, चेतन पन्ना, निकोलम, दिलाएम टोप्पो को गिरफ्तार किया था.
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