मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर अवनीश शरण ने शनिवार को दल बल के साथ सिम्स और जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर ने इलाज करा रहे मरीजों और परिजनों से संवाद किया। ईलाज को लेकर एक एक गतिविधियों का जायजा लिया। मेडिकल सुविधाओं का भी निरीक्षण किया।
मरीजो और परिजनों से मुलाकात के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिया कि सभी का अच्छा से अच्छा ईलाज किया जाए। किसी भी प्रकार की शिकायत को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। मलेरिया और डायरिया मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुे बेड बढ़ाने का आदेश दिया। अवनीश शरण ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि जिला अस्पताल किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहे। मलेरिया और डायरिया प्रभावित मरीजों के लिए 15 आईसीयू और 20 सामान्य बेड तत्काल बढ़ाए। सिम्स पहुंचकर कलेक्टर ने मरीजों से बातचीत कर प्रबंधन से 10 आईसीयू बेड बढ़ाने को कहा।
इस दौरान कलेक्टर ने मेडिकल प्रबंधन से कहा कि प्रभावित गांवों में जनचौपाल लगाकर युद्धस्तर पर जागरूकता फैलाए। साथ ही चेताया कि मेडिकल स्पाप को छुट्टी नहीं मिलेगी..हर समय मुख्यालय में रहें। निरीक्षण के दौरान नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, सीएमएचओ डॉ प्रभात श्रीवास्तव , सिम्स अधीक्षक डॉ एस के नायक, सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता मौजूद थे।
मदनपुर में एसडीएम की चौपाल
कलेक्टर के फरमान पर जिले के डायरिया प्रभावित गांव मदनपुर में एसडीएम पीयूष तिवारी ने चौपाल लगाया। एसडीएम ने तहसीलदार शशिभूषण सोनी, सीईओ बिल्हा, बीएमओ बिल्हा, एसडीओ पीएचई के साथ गली गली घूमकर जनता को जागरूक किया। अधिकारियों ने भ्रमण के दौरान साफ सफाई का जायज़ा भी लिया।
ग्रामीणों को अधिकारियों ने बपताया कि गंदगी और गंदा पानी ही मलेरिया और डायरिया का कारण होता है। मलेरिया से बचने के लिए हम अपने आसपास के क्षेत्रों को सफ रखें। अधिकारियों ने यह भी बताया कि डायरिया रोग गंदा पानी के उपयोग होता है। हमेशा ताजा भोजन करें और पानी उबाल कर पीएं।
अधिकारियों के निर्देश पर मितानिन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों को जागरूक करने घर घर दस्तक किया। सभी के बीच ओआरएस और जरूरी दवाई का वितरण किया। चौपाल में मेडिकल टीम और पीएचई विभाग ने बताया कि स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए समय समय पर टंकी की सफाई करें।
इसके अलावा मेडिकल की टीम ने गांव के सभी सभी बोर में क्लोरिन डाला। नालियों में ब्लीचिंग का छिड़काव किया। एसडीएम ने कहा कि यदि कोई मलेरिया या डायरिया की चपेट मे आता ही जाता है तो तत्काल नजदीक अस्पताल पहुंचकर ईलाज कराएं। झोलाछाप डाक्टर या झा़ड़ से बचें।