नई दिल्ली | डेस्क: बांग्लादेश में आरक्षण ख़त्म करने की मांग को लेकर शुरु हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. 35 से अधिल लोगों की मौत के बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
इसके अलावा देश में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है.
इधर भारत सरकार ने वहां रह रहे भारतीय छात्रों को घरों से बाहर नहीं निकलने के निर्देश जारी किए हैं.
बांग्लादेश में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को सरकारी नौकरियों में एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है.
साल 1971 में पाकिस्तान से आज़ादी की जंग लड़ने वालों को बांग्लादेश में ‘वॉर हीरो’ कहा जाता है.
हाई कोर्ट ने इस साल पांच जून को एक याचिका के आधार पर वर्ष 2018 में सरकारी नौकरियों में आरक्षण रद्द करने संबंधी सरकार की अधिसूचना को अवैध करार दिया था.
अदालत के उस फैसले के बाद से ही आरक्षण के खिलाफ मौजूदा आंदोलन शुरू हुआ और पूरे देश में छात्रों और युवाओं का आंदोलन चल रहा है.
शुक्रवार को नरसिंगड़ी में एक जेल पर हमला करके सैकड़ों कैदियों को छुड़ाए जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने देशव्यापी कर्फ्यू का एलान कर दिया.
इधर सरकार ने साफ कहा है कि अब कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना को उतारा जाएगा.
दूसरी ओर भारत के विदेश मंत्रालय ने वहां रह रहे भारतीय छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
इसमें छात्रों को बांग्लादेश में यात्रा ना करने को कहा गया है. उन्हें कहा गया है कि वो घरों से बाहर ना निकलें.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर जानकारी दी है कि भारतीय उच्चायोग ने छात्रों की मदद के लिए 24 घंंटे काम करने वाले इमरजेंसी नंबर भी जारी किए हैं.
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