बिलासपुर— मस्तूरी क्षेत्र में जमीन कब्जाने का पर्याय बन चुके टाकेश्वर पाटले ने इस बार एक वर्ग विशेष के देवता को चुनौती दिया है। पंच ,सरपंच समेत कर्रा पंचायत के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराया है। ग्रामीणों ने बताया कि जमीन सरकारी हो या फिर निजी, कब्जा करने में माहिर टाकेश्वर पाटले ने जान से मारने की धमकी दिया है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एसडीएम को लिखित शिकायत में कर्रा ग्राम पंचायत के पंच सरपंच और ग्रामीणों ने जमीन कब्जा करने में माहिर टाकेश्वर पाटले के खिलाफ गंभीर शिकायत की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि टाकेश्वर पाटले और उनके साथियों ने गुण्डागर्दी, गाली गलौच और जान से मारने की धमकी दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम के प्राचीन देवता धनवार बैगा का पूजा स्थल नदी किनारे स्थित है। दस पीढियों से ग्रामवासी देवता से आशीर्वाद लेते आ रहे है। गांव का कोई भी शुभ काम देवता की मंजूरी के बाद ही होता है।
शासन की विकासकारी योजनाओं के चलते प्रशासन ने देवता को कहीं दूसरी जगह स्थापित करने का आदेश दिया। बताया गया कि जिस स्थान पर देवता विराजमान है…सिक्सलेन रोड के बीचों बीच आता है। प्रशासन ने मौके से हटाकर नए चिन्हित स्थान पर देवता को स्थापित करने का निर्देश दिया। ग्रामवासियों ने विचार-विमर्श कर प्रस्तावित स्थल पर चबूतरा बनवाया। पूजा पाठ कर धनवार बैंमा को बताए गए स्थान पर स्थापित किया । 21 जुलाई 24 को ग्रामवासियों ने भजन कीर्तन का आयोजन किया।
इसी दौरान टाकेश्वर पाटले और आधा दर्जन उसके गुण्डा साथी पूजा स्थल पहुंच गये। गाली गलौच और गुण्डागर्दी करते हुए प्राचीन देवता धनवार बैगा को नए स्थान से हटाने का दबाव बनाया। गुण्डागर्दी का ग्रामवासियों ने विरोध किया। नाराज टाकेश्वर पाटले ने धनवार देवता में आस्था रखने वाले बंशीधर वर्मा, रामचरण कौशिक समेत अन्य लोगों को जान से मारने की धमकी दिया। आरोपियों ने कहा कि एक एक को उठवा लेगा। उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
इतना ही सुनते ही ग्रामवासी नाराज हो गए। लोगों के विरोध को देखते हुए टाकेश्वर ने मां-बहन की गाली गलौच कर मौके से चला गया। बावजूद इसके ग्रामवासियों ने बिना डर विधि विधान से पूजा अर्चना कर प्राचीन देवता धनवार बैगा को खुश किया। चिन्हांकित स्थल पर स्थापित भी किया।
मंगलवार को ग्राम वासियों ने मस्तूरी एसडीएम से लिखित शिकायत में बताया कि स्थापना के दूसरे ग्रामवासी बैगा पूजा करने गए तो मौके से देवता का 3 नग त्रिशुल और एक चिमटा गायब था। पतासाजी के दौरान जानकारी मिली कि चिमटा और त्रिशुल किसी ने पुराने स्थल पर लगा दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि आसामाजिक तत्वों ने भावनाओं से खिलवाड़ किया है। गांव की शांति व्यवस्था को भी भंग किया है। ग्रामवासियों ने शासन के आदेश पर ही नए स्थान पर बैगा बाबा को स्थापित किया है। लेकिन टाकेश्वर पाटले और उनके गुण्डा साथियों ने जीना मुश्किल कर दिया है। ग्रामीणों ने एसडीएम को बताया कि टाकेश्वर पाटले जमीन हथियाने का कारोबारी है। इसके चलते आसपास के गांवों में भयंकर आक्रोश है। शायद बैगा बाबा की जमीन भी टाकेश्वर हथियाना चाहता है। निवेदन है कि टाकेश्वर पाटले और साथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।