नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के राजेंद्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत के मामले में दिल्ली नगर निगम के विभागों की लापरवाही सामने आ रही है। बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाई जा रही थी, जबकि दूसरी तरफ सेनिटेशन विभाग को नालों की सफाई को समय से पूरा करना था।
दिल्ली में नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय ने 18 जून को कहा था कि इस बार मानसून को एंजॉय करेंगे दिल्ली वाले, नालों की सफाई का काम लगभग पूरा हो गया है, नहीं भरेगा सड़कों पर पानी। लेकिन बावजूद उसके लगातार एक के बाद एक घटनाओं ने नगर निगम की लापरवाही की पोल खोल दी है।
गौरतलब है कि बीते 18 जून को मेयर का दावा था कि एमसीडी ने मानसून से पहले ही अपनी कमर कस ली है। जनता को कोई दिक्कत नहीं होगी। प्लान के मुताबिक एमसीडी को 30 जून तक दिल्ली के सभी नालों की सफाई करनी होती है।
उस वक्त एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय ने बताया था कि दिल्ली में जो 4 फीट से ऊपर के नाले हैं उनकी संख्या 713 है और जो 4 फीट से नीचे के नाले हैं, उनकी संख्या करीब 21 हजार है। जो नाले 4 फीट से ऊपर हैं, उनकी लंबाई 460 किलोमीटर की है और जो 4 फीट से नीचे के नाले हैं, उनकी लंबाई 6600 किलोमीटर है।
उन्होंने बताया था कि दो फेज में हमारी तैयारी चल रही है। पहला फेज होता है मानसून से पहले और दूसरा होता है मानसून के बाद।
18 जून को ही ये बात सभी के सामने शैली ओबेरॉय ने कही थी कि फेज 1 के तहत जितने भी नाले 4 फीट से ऊपर के हैं, हम उनकी 92 प्रतिशत तक सफाई कर चुके हैं। जो नाले 4 फीट से नीचे के हैं, उनकी 85 प्रतिशत तक सफाई हो चुकी है।
उन्होंने ये भी कहा था कि इस बार पहले ही उन सभी पॉइंट्स को चिन्हित कर उन पर काम किया जा चुका है, जहां पर वाटर लॉगिंग की समस्या हो रही थी।
उस वक्त शैली ओबेरॉय ने बताया था कि एक हफ्ता पहले ही इंटरनल मीटिंग भी हो चुकी है। जिसमें जल मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी शामिल रहे थे। बावजूद इन सब दावों और वादों के लगातार दिल्ली में छात्रों की मौत का मामला सामने आ रहा है और अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से किसी भी मामले में किसी अधिकारी पर गाज गिरती दिखाई नहीं दे रही है।
–आईएएनएस
पीकेटी/एसकेपी