रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के 33 में से 15 ज़िले अभी भी माओवाद प्रभावित हैं. देश के कुल माओवाद के असर वाले ज़िलों में 40 फ़ीसदी ज़िले छत्तीसगढ़ के हैं.
देश के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि देश में कुल 38 ज़िले माओवादी हिंसा से प्रभावित हैं.
इनमें छत्तीसगढ़ के 15 ज़िले शामिल हैं. इनमें बस्तर का बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा और नारायणपुर शामिल हैं.
इसके अलावा धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और कबीरधाम ज़िला शामिल है.
बिलासपुर संभाग का मुंगेली भी माओवाद प्रभावित ज़िलों में शामिल है.
छत्तीसगढ़ के अलावा 8 राज्य माओवाद प्रभावित हैं.
पड़ोसी राज्यों में भी माओवादियों का असर बना हुआ है.
इनमें छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुए मध्यप्रदेश का डिंडौरी, बालाघाट और मंडला ज़िला शामिल है.
इसी तरह महाराष्ट्र का गढ़चिरौली, गोंदिया, आंध्र प्रदेश का अल्लूरी सीतारामराजू, तेलंगाना का भद्राद्री-कोठागुडेम और मुलुगू और ओड़िशा का कालाहांडी, कंधमाल, बोलंगिर, मलकानगिरी, नवरंगपुर, नुआपाड़ा और रायगड़ा ज़िला माओवाद प्रभावित ज़िलों की सूची में शामिल है.
छत्तीसगढ़ के बाद सर्वाधिक पांच प्रभावित ज़िले झारखंड के हैं, जिनमें गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिम सिंहभूम शामिल हैं.
केरल का वायनाड व कन्नूर और पश्चिम बंगाल का झाड़ग्राम इन ज़िलों में शुमार है.
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