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टाइगर रिज़र्व बनेगा गुरु घासीदास नेशनल पार्क, 12 साल बाद हुआ फ़ैसला

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिज़र्व बनाने का फ़ैसला किया है. 12 साल से अटके हुए इस फ़ैसले को विष्णुदेव साय के मंत्रीमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई.

पिछले महीने ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर गुरु घासीदास को टाइगर रिजर्व पर फ़ैसला लेने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार फ़ैसला करे कि इसे टाइगर रिज़र्व बनाना है या नहीं.

नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी की मंजूरी के बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने इस टाइगर रिजर्व को मंजूरी नहीं दी थी.

हाईकोर्ट ने कहा था कि यह अंतिम मौका है. सरकार तय करे कि गुरु घासीदास नेशनल पार्क को उसी रुप में रखना है या उसे टाइगर रिज़र्व बनाना है.

गौरतलब है कि रमन सिंह के शासनकाल में 2012 में गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का फ़ैसला किया गया था.

अगर यह टाइगर रिजर्व बन जाता तो मध्यप्रदेश के संजय टाइगर रिज़र्व से लेकर झारखंड के बेतला टाइगर रिजर्व तक व्याघ्र परियोजना को विस्तार मिलता.

लेकिन इसकी फाइल दबी रही.

अपनी पीठ थपथपाती रही भूपेश सरकार

2018 में छत्तीसगढ़ आई भूपेश बघेल की सरकार ने 2019 में छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक में कोरिया जिले के गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया था.


हालत ये है कि राज्य सरकार के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार ने भी इस टाइगर रिजर्व को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी.

लेकिन भूपेश बघेल की सरकार इस पर चुप्पी साध गई.

भूपेश बघेल की सरकार इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनाते रही.

भाषणों और विज्ञापनों में भी इसका जिक्र होता रहा. लेकिन धरातल पर यह टाइगर रिजर्व सामने नहीं आ पाया.

कहा गया कि अगर टाइगर रिजर्व बन जाता है तो इस इलाके में खनन को लेकर मुश्किल होगी.

अब जा कर विष्णुदेव साय की सरकार ने टाइगर रिजर्व को मंजूरी दे दी है.

मंत्रीमंडल में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले में फैले 2829.387 वर्ग किलोमीटर इलाके को गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व के रुप में अधिसूचित करने का फ़ैसला लिया गया है.

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