बिलासपुर | डेस्क: छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू H1 N1 से दो लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा बिलासपुर शहर में स्वाइन फ्लू के चार और मरीज मिले हैं, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
स्वाइन फ्लू से मरने वाले दोनों लोग अलग-अलग ज़िले, कोरिया और जांजगीर-चांपा के रहने वाले थे.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िले के लछनपुर गांव की रहने वाली 66 वर्षीय महिला को सर्दी-खांसी के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उसे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था.
यहां भी तबीयत में सुधार नहीं होने के बाद परिजन महिला को लेकर गांव लौट गए थे, जहां महिला की मौत हो गई.
इसी तरह कोरिया ज़िले के पंडोपारा में रहने वाले एसईसीएल के एक कर्मचारी की पत्नी को अपोलो में भर्ती किया गया था. 51 वर्षीय महिला की हालत बिगड़ती चली गई और उसने दम तोड़ दिया.
इधर बिलासपुर शहर में भी स्वाइन फ्लू के चार मरीज मिले हैं. इन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है.
इसके अलावा इस बीमारी से ग्रस्त परिजनों को भी क्वारंटिन किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के संक्रामक रोग को हल्के में न लें. इसके अलावा इसकी सूचना भी स्वास्थ्य विभाग को ज़रुर दें.
सांस की यह बीमारी इंफ़्लुएंज़ा टाइप ए से होती है.
इस वायपस में जो जिंस पाया जाता है, वही सूअरों में भी पाया जाता है.
इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहते हैं.
इसे इंफ़्लुएंज़ा-ए यानी H1N1 कहा जाता है.
H1N1 की एक अन्य किस्म के कारण 1918 में महामारी भी फैल चुकी है.
दूसरे इंफ्लुएंजा की तरह इनका संक्रमण लगातार बदलता रहता है.
स्वाइन फ्लू के आंरभिक मामले 2009 में मैक्सिको में पाए गए थे.
उसके बाद से दुनिया के आधे से अधिक देश इसकी चपेट में आ चुके हैं.
खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है.
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