नई दिल्ली । डेस्क: अफ़्रीका के कीनिया, रवांडा, युगांडा, बुरुंडी जैसे देशों में संक्रामक बीमारी मंकी पॉक्स के मामले तेज़ी से बढ़ने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. इस बार के वैरिएंट को अधिक ख़तरनाक माना जा रहा है.
इस संक्रामक बीमारी से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. लेकिन इस बार अफ्रीकी देशों के अलावा भी मंकी पॉक्स के मामले सामने आए हैं.
स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि अफ़्रीकी प्रायद्वीप के बाहर मंकी पॉक्स के वायरस का पहला मामला दर्ज किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एडोनम गेब्रीयेसुस ने कहा, “एमपॉक्स के एक नए क्लेड का उभरना, कांगो गणतंत्र में इसका तेज़ी से फैलना और कई पड़ोसी देशों में इसके मामलों की जानकारी मिलना बहुत चिंताजनक है.”
इधर अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है कि मंकी पॉक्स पिछली बार से इसलिए ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि नया वैरिएंट ज़्यादा घातक है.
इस संस्था ने कहा कि ‘क्लेड-I’ मध्य अफ़्रीका में एंडेमिक है. वहीं, इस बार फैले मंकी पॉक्स का ‘क्लेड Ib’ नया और अधिक संक्रामक है.
इस साल इस वायरस से संक्रमण के लगभग 15000 मामले सामने आए हैं, जिनमें से लगभग 500 लोगों की मौत हो चुकी है.
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