धमतरी| संवाददाताः छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के एक और जवान ने आत्महत्या कर ली है.
धमतरी जिले के अर्जुनी थाना के देमार निवासी सीआरपीएफ जवान सुरेश सोनवानी ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जवान छुट्टी पर घर आया हुआ था.
छत्तीसगढ़ में जवानों द्वारा आत्महत्या का मामला गहराता जा रहा है. पिछले 22 दिनों में 6 जवान आत्महत्या कर चुके हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जवान सुरेश सोनवानी की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के पुलवामा में थी.
वह एक महीने की छुट्टी में घर देमार आया हुआ था. गुरूवार को घर पर कोई नहीं था. उसी बीच उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
जवान की मां शुक्रवार को घर पहुंची तो कमरा अंदर से बंद था.
आवाज देने पर भी दरवाजा नहीं खोला तो उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई. आसपास के लोगों को बुलवाकर दरवाजा तोड़ा तो सुरेश फंदे पर लटकता हुआ मिला.
घटना की सूचना तत्काल पुलिस को दी गई. पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
पुलिस ने कमरे की तलाशी ली लेकिन वहां से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
पुलिस के मुताबिक जवान सुरेश सोनवानी का विगत तीन साल से पत्नी से विवाद चल रहा था.
इसी वजह से पत्नी मायके में रह रही थी. उसका एक सात साल का बच्चा भी है.
जवान छुट्टी में आने के बाद पत्नी को मनाकर घर लाया था. कुछ दिन सब कुछ ठीक चला उसके बाद फिर दोनों में विवाद शुरू हो गया था.
विवाद से परेशान होकर पत्नी अपने बच्चे को लेकर फिर मायके चली गई. इसके बाद से जवान परेशान रहने लगा था.
छत्तीसगढ़ में पिछले 22 दिनों में 6 जवानों के मौत की घटना सामने आ चुकी है.
26 अगस्त को दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के प्राधान आरक्षक ने अपने सर्विस राइफल एकके-47 से अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
वे उत्तरराखंड के रहने वाले थे और 2000 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.
जवान का नाम विपिन्द्र चन्द्र था. वह सीआरपीएफ 195 बटालियन मुख्यालय बारसूर में पदस्थ थे.
इसी तरह 27 अगस्त को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सशस्त्र सीमा बल के जवान ने अपने इंसास राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
जवान मनोज कुमार 28वीं बटालियन में पदस्थ थे. वह अंतागढ़ से जनरल ड्यूटी कर एसएसबी मुख्यालय भिलाई आये थे.
भिलाई में ड्यूटी के दौरान उन्होंने अपनी कनपटी पर गोली मार ली थी. मनोज हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के रहने वाले थे.
इन दोनों घटना के सप्ताह भर बाद 3 सितंबर को सशस्त्र सीमा बल के ही एक और जवान ने खुदकुशी कर ली.
उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी राकेश कुमार छत्तीसगढ़ के कांकेर में पदस्थ थे. उनकी ड्यूटी कोसरोंडा कैंप में लगी थी.
उसी दौरान उन्होंने अपनी सर्विस राइफल से सिर पर गोली मारकर जान दे दी थी.
इस घटना के बाद 3 सितंबर को ही कांकेर जिले में एक एसएसबी जवान ने अपने सर्विस राइफल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी.
जवान राकेश कुमार नक्सल प्रभावित कोसरोंडा 33 बटालियन कैम्प में पदस्थ थे. वह उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले थे.
इसी तरह 5 सितंबर को कांकेर में पुलिस जवान ने अपने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी.
जवान जागृत भंडारी लोहत्तर थाने में पदस्थ थे. उन्होंने थाने में ही अपनी कनपटी पर राइफल रख कर गोली चला दी थी.
गोली जवान के सिर के आरपार निकल गई थी. जवान को गंभीर हालत में रायपुर भेजा गया था.
14 सितंबर शनिवार को सीआरपीएफ जवान ने अपनी सर्विस राइफल से बाथरूम में जाकर खुद को गोली मार ली.
जवान विपुल भूयान असम के रहने वाले थे और दो दिन पहले ही छुट्टी से वापस आए थे.
वह सीआरपीएफ के 226 बटालियन में पदस्थ थे और गादीराम कैंप में तैनात था.
18 सितंबर को छत्तीसगगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में एक सीएएफ जवान ने अपने ही साथियों पर फायरिंग कर दी थी.
गोली लगने से 2 जवानों की मौत हो गई थी. वहीं एक जवान घायल हो गया था. यह घटना सीएएफ की 11वीं बटालियन की है.
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