अंबिकापुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में छुई मिट्टी में दब कर दो लोगों की मौत हो गई. दोनों युवक छुई मिट्टी की खदान खोद रहे थे, उसी समय ऊपर का हिस्सा धंस गया.
सरगुजा समेत मध्य-भारत के कई हिस्सों में मिट्टी की दीवार की पुताई छुई मिट्टी से की जाती है. कई परिवार इसी छुई मिट्टी को बेच कर अपने जीवन का निर्वाह करते हैं. दीवाली के समय आदिवासी इलाकों में इसकी मांग बढ़ जाती है.
पुलिस के अनुसार लखनपुर के जमदरा गांव के रहने वाले शिवा यादव और हीरामन यादव अपने साथियों के साथ गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर छुई मिट्टी लेने के लिए पहुंचे थे. वे एक सुरंगनुमा खदान के भीतरी हिस्से से मिट्टी निकाल ही रहे थे, उसी समय मिट्टी का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह से धसक गया और दोनों उसी मिट्टी के मलबे में दब गए.
इस दौरान साथ गए लोगों ने गांव में सूचना दी और मिट्टी हटाने का काम किया गया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. मिट्टी में दबने से शिवा यादव और हीरामन यादव की मौके पर ही मौत हो चुकी थी.
पिछले महीने सरगुजा संभाग के ही सूरजपुर के गेतरा में छुई मिट्टी की खदान में तीन महिलाएं दब गई थीं, जिसमें फुलकुंवर नामक एक महिला की जान चली गई थी.
इसी तरह सुरजपुर के ही ओड़गी थाने के लांजित गांव में मार्च महीने में राजमन कुर्रे नामक एक आदिवासी की छुई खदान में दबने से मौत हो गई थी.
राजमन के अलावा एक महिला भी इस खदान में दब गई थी लेकिन महिला की जान बच गई.
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