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बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, गुण्डाधूर जैसे आदिवासी जननायकों का शौर्य, पराक्रम एवं गौरवगाथा अविस्मरणीय : धरमलाल कौशिक

राजनांदगांव। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा एवं विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक आज पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर जनजातीय शौर्य, लोक कला, संस्कृति की वैभव विरासत, विकास एवं निर्माण में सशक्त भागीदारी के लिए जनजाति गौरव दिवस मनाया गया। इस दौरान विधायक बिल्हा श्री कौशिक का गौर मुकुट पहनाकर आत्मीय अभिनंदन किया गया। पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा एवं विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को सामग्री का वितरण किया। उन्होंने कार्यक्रम में शहीद परिवारों को सम्मानित किया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, खिलाड़ियों, कृषकों, महिलाओं को सम्मानित किया गया।
पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा एवं विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय पर आज हम जननायक श्री बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहे हंै। उन्होंने सभी को इस अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रवाह अगाध रूप से गतिमान है। अरण्य, ग्राम्य एवं संस्कृति को जीवन सूत्र में एक साथ पिरोने वाले आदिवासी समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है। सामाजिक संगठन, समृद्ध संस्कृति तथा गहरी आध्यात्मिक चेतना जनजातीय समाज में रही है। इतिहास के पन्नों पर मुगल एवं अंग्रेजों से देश की आजादी की लड़ाई में भाग लेने वालों में प्रथम पंक्ति में आदिवासी समाज का नाम आएगा। हमारे देश में बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, रानी दुर्गावती, गुण्डाधूर, गेंद सिंह, तिनका मांझी जैसे आदिवासी जननायकों का शौर्य, पराक्रम एवं गौरव गाथा अविस्मरणीय है। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। देश को गुलामी से मुक्त करने वाले ऐसे महानायकों के नाम लिपिबद्ध करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही वीर पुरूषों के शौर्य एवं पराक्रम को सामने लाने के लिए प्रयास किया गया है। शहीद वीर नारायण सिंह ने संकटकाल में गरीब एवं जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया। अंग्रेजों ने उन्हें फांसी की सजा दी। आज के परिवेश में आने वाली पीढ़ी को जनजातीय समाज की वीर गाथाओं से परिचित कराने की जरूरत है।
पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा एवं विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक ने कहा कि जनजातीय समाज की समृद्ध विरासत रही है तथा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत रूप से जड़ी बूटियों एवं औषधियों के माध्यम से ईलाज कर रहे हंै तथा लोगों का स्वास्थ्य ठीक कर रहे हंै। नाड़ी वैद्य जैसी चिकित्सा को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ की कमान आदिवासी मुख्यमंत्री के हाथों में है। मुख्यमंत्री द्वारा जनजातीय समाज एवं अन्य लोगों के हित में लगातार कार्य किया जा रहा है। महतारी वंदन योजना, धान खरीदी जैसी शासन की योजनाओं से जनसामान्य की आर्थिक स्थिति मजबूत बन रही है। विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में पलायन की पीड़ा को समझा और उन्होंने 3 रूपए में 35 किलो चावल देने का कार्य किया, ताकि यहां के लोागों को कार्य के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन ऋण की शुरूआत प्रदेश में की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सुख, शांति, खुशहाली एवं समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वनवासी समाज का संरक्षण करते हुए प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि महानायक बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस हमें हमारे पुराने संस्कार, गौरव, गौरवशाली इतिहास, परंपराएं, जीवन दर्शन, मान्यता, सामाजिक ताने-बाने को जानने समझने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करते हुए जीवन यापन करते हंै। यह दृष्टिकोण आज के समय में भी प्रासंगिक है। देश एवं प्रदेश को प्रगति एवं समृद्धि की राह में ले जाने के लिए सभी को समन्वित प्रयास करने होंगे। शासन की योजना का उद्देश्य सभी का सर्वांगीण विकास है। मुख्य धारा से जनजाति समाज को जोड़ने के लिए कार्य करते हुए शासन के प्रयासों को बेहतर आयाम देने की जरूरत है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गोड़ महासभा नई दिल्ली श्रीमती सुशीला नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज की पहचान ऐतिहासिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली इतिहास में जब भी देश में संकट आया है तब-तब जनजातियों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया है। उन्होंने आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने 25 वर्ष की अल्पायु से ही अंग्रेजों के खिलाफ जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ाई लड़ी। आदिवासी नागरिकों की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए जनजातीय गौरव दिवस बहुत अच्छा आयोजन है। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले शहीद वीर नारायण सिंह, गैंद सिंह, वीर गुंडाधूर, कंगला मांझी, रानी दुर्गावती को याद किया। कार्यक्रम को प्रांताध्यक्ष जनजातीय गौरव समाज एमडी ठाकुर और जिला अध्यक्ष जनजातीय गौरव समाज नीलकंठ गढ़े ने भी जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में अपना उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर विकास प्रदर्शनी अंतर्गत जनजातीय समाज के नायकों की जानकारी दी गई। छात्रावास के बच्चों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सचिन बघेल, रमेश पटेल, खूबचंद पारख, नीलू शर्मा, राजेन्द्र गोलछा, संतोष अग्रवाल, शिव वर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गोड़ महासभा नई दिल्ली श्रीमती सुशीला नेताम, प्रांताध्यक्ष जनजातीय गौरव समाज एमडी ठाकुर, जिला अध्यक्ष जनजातीय गौरव समाज नीलकंठ गढ़े, समाज सेवी आत्माराम चंद्रवंशी, वनमंडलाधिकारी आयुष जैन, सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, एसडीएम खेमलाल वर्मा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सुश्री दीक्षा गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, समाज प्रमुख, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित थे।

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