मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बदहाल है। हजारों करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है। प्रदेश के सीहोर और बुरहानपुर जिले में इसकी बानगी देखने को मिली है। ऐसा लगता है कि प्रदेश के बीमार स्वास्थ्य सिस्टम को खुद दवा की जरूरत है।
विजेंद्र सिंह राणा, सीहोर। सीहोर जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु वार्ड में पानी भरा हुआ है। राजधानी भोपाल के नजदीक इस अस्पताल की स्थिति आप खुद देख सकते हैं। किस तरह से मातृ एवं शिशु वार्ड में पानी भरा हुआ है और मरीज और उनके परिजन वार्ड में रुके हुए हैं। यहां तक की मरीज के बेड पर दो-दो लोग बैठे और लेटे हैं। जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोलती तस्वीर सामने आई है। वहीं जिम्मेदार इस पर मौन है। पहले में भी इस तरह के कई मामले सामने आए. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है।
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मनीष कुमार, बुरहानपुर। जिले के शाहपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां शनिवार को नसबंदी के बाद मरीज को जमीन पर लेटा दिया गया। बड़ी संख्या में महिलाएं नसबंदी के लिए पहुंची थी। अव्यवस्थाओं के कारण हालत बिगड़ गए। मरीजों को ठंड के दिनों में जमीन पर ही लिटा दिया। नसबंदी कराने के बाद महिलाओं को पानी तक नहीं मिला। वहीं बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र की रेलिंग पर लटकाकर सुलाने को मजबूर होना पड़ा। भाजपा नेता वीरेंद्र तिवारी ने निरीक्षण कर अव्यवस्था पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए।
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