धरमलाल कौशिक के सवाल के जवाब में मंत्री राजवाड़े ने बताया कि प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के कुल 52436 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 51053 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है और 1383 पद रिक्त हैं। वहीं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं के 47436 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 45210 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। जबकि 2226 पदों पर भर्ती की जानी है। हालांकि मंत्री राजवाड़े ने ये भी कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती की समय सीमा नहीं बताई जा सकती है।
Anganwadi Workers Regularization/वहीं, विधायक ललित चंद्राकर के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं हेतु केंद्र सरकार द्वारा 4500 रुपए प्रतिमाह व सहायिकाओं हेतु 2250 रुपए प्रतिमाह केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय है।
इसमें 60% केंद्रांश व 40% राज्यांश की राशि हैं। भारत शासन से प्राप्त राशि के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपनी निधि से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 5500 रुपए और सहायिकाओं को प्रतिमाह 2750 रुपए दिया जा रहा हैं। यह शत प्रतिशत राज्यांश हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं मानसेवी हैं। अतः इन्हें वेतन की बजाय मानदेय दिया जाता है। इनके मानदेय हेतु कोई भी नहीं घोषणा नहीं की गई है।
इसी संदर्भ में विधायक दीपेश साहू ने सवाल लगाया था। इसके अलावा साहू ने पूछा था कि आंगनबाड़ी केदो में कार्यरत कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का वेतन किस श्रेणी के कर्मचारियों की श्रेणी के अंतर्गत दिया जाता है?
क्या भविष्य में इनके नियमितिकरण की कोई योजना हैं? दीपेश साहू के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का पद मानसेवी हैं इसलिए इनके वेतन का निर्धारण नहीं किया गया हैं, इन्हे मानदेय दिया जाता हैं।
तथापि इनके यात्रा व्यय के भुगतान के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तृतीय श्रेणी व सहायिकाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की दर के हिसाब से यात्रा व्यय का भुगतान किया जाता है। नियमितीकरण के सवाल पर मंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी सेवाएं केंद्र सहायक योजनाएं हैं। योजना प्रावधानों के अंतर्गत आंगनबाड़ी में कार्यरत कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं का पद मानसेवी हैं। अतः इनके नियमितीकरण के संबंध में प्रस्ताव विचाराधिन नहीं है।