यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सड़कों पर न्यायपालिका में सुधार को लेकर छात्रों का भारी प्रदर्शन चल रहा था। प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया था और जजों को इस्तीफा देने के लिए महज दो घंटे का अल्टीमेटम दिया था। हालात को बेकाबू होता देख चीफ जस्टिस ने इस्तीफे का ऐलान कर दिाया। इसके बाद सैयद रेफत अहमद को बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया है।
दरअसल शनिवार को प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो गए थे और उन्होंने 65 वर्षीय चीफ जस्टिस को दो घंटे के भीतर यानी कि 1 बजे तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया। इसके बाद जज ने इस्तीफा दे दिया था. कानून, न्याय और संसदीय मामलों के सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने बताया कि चीफ जस्टिस का इस्तीफा कानून मंत्रालय तक पहुंच चुका है। नजरूल ने कहा कि इस्तीफा पत्र राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को भेजा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अजीज अहमद भुइयां ने पत्रकारों को बताया कि चीफ जस्टिस के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनकी घोषणा के कुछ घंटों बाद, शीर्ष अदालत के पांच अन्य न्यायाधीशों ने कानून मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
5 अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने छोड़ा था देश
बता दें कि बांग्लादेश में में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। इस घटनाक्रम के तीन दिन बाद कार्यवाहक सरकार के प्रमुख के रूप में यूनुस ने शपथ ग्रहण की है। 84 साल के अर्थशास्त्री यूनुस को छात्र प्रदर्शनकारियों से अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में समर्थन मिला है। वह गुरुवार को पेरिस से ढाका लौटे हैं। यूनुस ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमारे छात्र हमें जो भी रास्ता दिखाएंगे, हम उसी के साथ आगे बढ़ेंगे। बांग्लादेश के नए प्रमुख बने मोहम्मद यूनुस ऐसे 32वें शख्स बने हैं, जो नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं और अब राष्ट्र प्रमुख की जिम्मेदारी निभाएंगे।
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