रांची के रिसॉर्ट में बिहार-झारखंड-बंगाल के रईस इन बांग्लादेशी लड़कियों की सर्विस लेते थे। चारों के पास से जब्त डिजिटल डिवाइस से मिली जानकारी के आधार पर एजेंसी विदेशी लड़कियों को मंगानेवाले बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के रईसों की तलाश कर रही है।
चारों ही आरोपितों को ईडी ने गुरुवार को रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया। ईडी ने अदालत से आग्रह किया कि चारों ही आरोपितों से सात दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति दें। ईडी ने इससे संबंधित रिमांड आवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिसमें चारों ही आरोपितों के जुर्म व उससे संबंधित सबूतों की जानकारी दी। हालांकि कोर्ट ने सभी को 3 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
ईडी ने यह भी बताया कि एक आरोपित रोनी मंडल बांग्लादेशी घुसपैठ का सरगना है। दूसरी आरोपित पिंकी बसु मुखर्जी देह व्यापार के लिए बांग्लादेश से भारत तस्करी कर लाई गईं लड़कियों को अपने नाम से आवंटित सिमकार्ड उपलब्ध कराती थी।ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस गिरोह में कई और लोगों के शामिल होने की संभावना है, जिसकी पड़ताल के लिए सभी आरोपितों से रिमांड पर पूछताछ किया जाना अनिवार्य है। ईडी के इस आवेदन पर पीएमएलए कोर्ट शनिवार को सुनवाई करेगा। तब तक के लिए सभी आरोपितों को अदालत के आदेश के बाद रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया है।
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बिहार-झारखंड के रईसों का मिला नाम
गिरफ्तार चारों आरोपियों की कॉल डिटेल की जांच करने पर पता चला कि इनका संबंध 100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों से है। ये गैर कानूनी तरीके से विदेशी लोगों को देश में लाते थे। शुरुआती जांच में झारखंड और बिहार के उन रईसों के नाम मिले हैं, जो इस गिरोह की मदद से विदेशी लड़कियां मंगाते थे।
बरियातू थाने में चार जून, 2024 को दर्ज हुआ था केस
गौरतलब है कि ईडी ने रांची के बरियातू थाने में चार जून 2024 को कांड संख्या 188/2024 को धोखाधड़ी, जालसाजी व विदेशी अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस किया था। उक्त प्राथमिकी फर्जी दस्तावेज के आधार पर भारत की सीमा में दाखिल होने से संबंधित थी। दर्ज प्राथमिकी में बरियातू थाने की पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र के बाली रिसोर्ट से गिरफ्तार बांग्लादेशी लड़कियों को आरोपित बनाया था।इन लड़कियों में निपाह अख्तर खुशी, पायल दास उर्फ निम्पी बरूवा, अनिका दत्ता उर्फ शर्मिन अख्तर, हासी अख्तर उर्फ हासी विश्वास, प्रवीण व झुमा शामिल थीं। सभी का पता बांग्लादेश था। इन्हें मनीषा राय नाम की एक महिला एजेंट ने बाली रिसोर्ट में रखवाया था, जिसकी बरियातू थाने की पुलिस के साथ-साथ ईडी को भी तलाश है। बरियातू थाने में दर्ज उक्त प्राथमिकी की छानबीन के क्रम में ईडी बांग्लादेशी घुसपैठ में शामिल अन्य एजेंटों तक पहुंची थी।
झारखंड और पश्चिम बंगाल में 17 जगहों पर हुई थी छापेमारी
बता दें कि बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले 12 नवंबर को झारखंड और पश्चिम बंगाल में 17 जगहों पर छापेमारी की थी। मामला बांग्लादेशी घुसपैठ, देह व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा बताया गया था। , ED की टीम कई लोगों और संगठनों की सीमापार घुसपैठ से जुड़ी वित्तीय गड़बड़ियों की जांच की थी।
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