Benefits of Black Sesame: सर्दियों में स्वस्थ रहने और शरीर को मजबूत बनाने के लिए दादी-नानी हमेशा से गुड़ के साथ तिल खाने की सलाह देती आई हैं। आमतौर पर घरों में सर्दियों के दौरान तिल के लड्डू और तिलकुट बनाया भी खूब जाता है। यूं तो सफेद और काला दोनों ही तरह का तिल फायदेमंद है लेकिन काले तिल को आयुर्वेद में शरीर के लिए अधिक लाभकारी माना गया है। काले तिल में आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर जैसे तत्व सफेद तिल से अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही आयुर्वेद चिकित्सक की निर्देशित मात्रा में इसका प्रयोग रोजाना किया जा सकता है बजाय कि सफेद तिल के । इसलिए इन सर्दियों में आप भी काले तिल का प्रयोग खानपान में बढ़ा सकते हैं। इस लेख में काले तिल के प्रमुख फायदों की जानकारी आपको मिलेगी।
सेहत का खजाना है काला तिल
काला तिल प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक , विटामिन बी,विटामिन ई और फाइबर जैसे तत्वों व एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसलिए इसके शरीर को अनेक फायदे मिलते हैं।
1. हड्डियां बनेंगी फौलादी काला तिल कैल्शियम का जबरदस्त स्रोत है। यह एक नेचुरल कैल्शियम सप्लीमेंट है। आप हड्डियों की कमजोरी ही नहीं, जोड़ो के दर्द और गठिया से राहत पाने के लिए ज़रूर काले तिल को अपनी डेली डाइट में शामिल करें। आस्टियोपोरोसिस के दुष्प्रभावों से बचाने में भी काला तिल उपयोगी है।
2 . इम्यूनिटी बूस्ट होती है काले तिल से सफेद तिल के बजाय काले तिल को इसलिए भी अधिक उपयोगी माना जाता है क्योंकि इसमें काॅपर पाया जाता है। काॅपर इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। साथ ही इसमें प्रोटीन पाया जाता है जो शरीर को अंदरूनी तौर पर मजबूत बनाकर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।
3 . कोलेस्ट्राल घटेगा, दिल की बीमारियों से राहत काले तिल के नियमित सेवन से आपको बैड कोलेस्ट्राल को घटाने में मदद मिलेगी। काले तिल में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।काला तिल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करके भी ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। सर्दियों में भुने काले तिल और गुड़ से बने लड्डू खाने से खून को गाढ़ा होने से बचाने में मदद मिलती है। सर्दियों में गाढ़ा खून हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण होता है। काला तिल ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स दिल की बीमारियों से बचाने में बेहद उपयोगी हैं।
4. फाइबर करेगा पाचन को मजबूत काला तिल फाइबर युक्त होता है। फाइबर अपच, कब्ज़ से राहत दिलाने में मददगार होता है। यह पाचनतंत्र को मजबूत भी बनाता है।
5. एंटी कैंसर प्रभाव हैं काले तिल में विभिन्न रिसर्चों में यह पाया गया है कि काले तिल में मौजूद कंपाउंड ‘लिगनेन’ कैंसर को पनपने से रोकनै में मददगार हो सकता है। इसे कैंसर की दवाई नहीं माना जाना चाहिए। लेकिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में काला तिल काफी उपयोगी हो सकता है। इस संबंध में और शोध जारी है।
6. तनाव घटाएगा काला तिल, बचाएगा अल्जाइमर से काले तिल के नियमित सेवन से तनाव को घटाने में बहुत मदद मिलती है। बुजुर्गों के लिए काला तिल किसी औषधि से कम नहीं है। यह उन्हें अल्जाइमर से बचाने में मददगार है। न्यूरोडीजेनरेटिव डिजीज की रोकथाम में इसे बहुत उपयोगी पाया गया है।
7. बालों का झड़ना रोकेगा काला तिल बालों का झड़ना आज के दौर की एक बहुत बड़ी समस्या है। शोध बताते हैं कि काले तिल में अच्छी मात्रा में उपलब्ध आयरन और विटामिन बी बालों को समय से पहले झड़ने और सफेद होने से बचाते हैं।
8. त्वचा की बढ़ती उम्र को थामे काले तिल में त्वचा की बढ़ती उम्र को थामने की क्षमता है। विटामिन ई से समृद्ध काला तिल त्वचा के कसाव को लौटाता है, उसकी नमी बनाए रखता है जिससे बढ़ती उम्र के संकेत आपकी त्वचा पर जल्दी नहीं उभयते। किसी भी महिला के लिए इससे अधिक सुखद क्या हो सकता है। यही नहीं काले तिल में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद हैं और यह लिवर की भी रक्षा करता है। इसलिए आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से तय मात्रा में काले तिल को अपने दैनिक खानपान में शामिल किया जाना काफी फायदेमंद है।