Bilaspur Airport।बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर की जनता के साथ हवाई सुविधा के नाम पर किये जा रहे खिलवाड़ की कड़ी को सार्वजनिक करते हुए आज सनसनीखेज खुलासा किया और कहा कि नाईट लैंडिंग के लिए जिस सॅटॅलाइट आधारित टेक्नोलॉजी को लगाने की छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी ज़िद्द कर रहे थे वो आज तक केंद्र सरकार और डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन के द्वारा एप्रूव्ड नहीं है.
इस एम् बी एन टेक्नोलॉजी का उपयोग परंपरागत टेक्नोलॉजी के रहने पर अतिरिक्त टेक्नोलॉजी के रूप में ही किया जा सकता है और केवल उसे लगाकर नाईट लैंडिंग का लाइसेंस नहीं मिलेगा.
गौरतलब है कि नाईट लैंडिंग के लिए एप्रूव्ड टेक्नोलॉजी में डी वी ओ आर जैसे उपकरण लगाए जाते है. डीवीओआर (डॉपलर वीएचएफ ओमनी डायरेक्शनल रेंज) एक छोटी /मध्यम दूरी की रेडियो नेविगेशन प्रणाली है जिसका उपयोग विमान को 108.00 से 117.95 मेगाहर्ट्ज के बीच भेजे गए वीएचएफ (बहुत उच्च आवृत्ति) संकेतों का उपयोग करके अपने में उनकी उड़ान की स्थिति और दिशा निर्धारित करने में सहायता करने के है।
ये उपकरण विदेश से आयत किये जाते है और इसमें समय लगता है। बाद उपकरण आने और स्थापित कर टेस्ट आदि करने में लगभग ६ से ८ उपकरण की स्थापना के बाद ही नाईट लैंडिंग हेतु आवेदन डी जी सी ए की दिया जा सकता है।
जो जांच आदि कर लाइसेंस प्रदान करेंगे. अर्थात आ से एक साल तक बिलासा बाई केंवट एयरपोर्ट में नाईट लैंडिंग सुविधा की संभावना नहीं है. आज आदेश दें के माह लगेंगे। इस हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि १८ अप्रैल को ही केंद्र सरकार ने उस उपकरण के बिना आगे बढ़ने से साफ़ इंकार कर दिया है, परन्तु अभी तक इसे आयात करने हेतु कोई टेंडर आदि जारी नहीं हुआ है.
समिति के अनुसार राज्य सरकार में कोई भी प्रतिबध्दता से एयरपोर्ट विकास पर ध्यान नहीं दे रहा है और इस कारण उएह स्तिथि बानी हुई है. हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने सेना से जमीन वापसी में हो रही देरी और ४ सी एयरपोर्ट की डी पी आर अब तक नहीं बनाये जाने पर पुनः चिंता जताते हुए कहा कि इस मामले में २८७ एकर भूमि हस्तांतरण का सीमांकन और अन्य प्रक्रियाएं कार्यवाही कलेक्टर बिलासपुर को करनी है।
चुनाव के कारण यह कार्यवाही टल गई थी।परन्तु आज चुनाव हुए २० दिन बीत चुके है परन्तु कोई नयी तारीख जिला प्रशासन ने नहीं दी है.हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आज भी जारी रहा और आगमन के क्रम से राहुल तिवारी, जयंत मनहर, शैलेश शर्मा, संदीप बाजपेई, राजकुमार हंसपाल, एस एन मूर्ति, गणेश खांडेकर, विशम्भर गुलहरे, बृजलाल नागदेव, खुशाल दस वाधवानी, मोहन माधवानी, देवेंद्र मिश्रा, शेख, नीलेश मढवार, मनोहर खटवानी, विभव सराफ एस चटोपाध्याय, टिकेश प्रताप सिंह, सुखु निषाद,गणेश निषाद, जावेद मेनन आदि शामिल रहे।