बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल राष्ट्रपति भवन में आयोजित विजिटर्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की विजिटर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के भाषण से कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन हुआ। दो दिवसीय विजिटर्स कॉन्फ्रेंस की थीम *’सतत विकास के लिए शिक्षा : एक बेहतर विश्व का निर्माण’* रही। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
उद्घाटन भाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि व्यक्ति, समाज और देश की प्रगति में शिक्षा का महत्व सर्वोपरि है। उच्च शिक्षा, अधिकांश युवाओं के लिए, प्रतिकूल परिस्थितियों के कुचक्र से निकलने का सबसे प्रभावी माध्यम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में युवाओं के चरित्र निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षित चरित्रवान युवा एक बेहतर समाज और राष्ट्र का निर्माण करेंगे।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीन वर्ष पूरे होने के उपल्क्ष्य में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में एनईपी-2020 के संपूर्ण सफल क्रियान्वयन के लिए किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को संपूर्ण स्वरूप में लागू करने के अनुक्रम में पीएचडी विनियमों में किये गये बदलाव एक अहम पहल है। जिसके अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे इच्छुक अभ्यर्थियों को अंतरविषयक शोध के विषयों में शोध कार्य का अवसर प्राप्त हो रहा है।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित भारतीय ज्ञान परंपरा को समग्रता के साथ इस विश्वविद्यालय में समाहित करने के लिए कार्य योजना प्रारंभ हो गयी है। उन्होंने कहा कि लैब से लैंड और लैंड से लैब की अवधारणा पर उच्च शिक्षण संस्थानों को समाज उत्थान के दृष्टिकोण के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। युवाओं को जागरुक बनाने के लिए विभिन्न सकारात्मक सामाजिक सेवा एवं गतिविधियों को पाठ्यचर्या का हिस्सा बनाये जाने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ की गई गुरु घासीदास विश्वविद्यालय स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय स्वाभिमान थाली योजना, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना, महिमा गुरु पीठ एवं डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र आदि के विषय में विस्तार से उल्लेख किया।
*विजिटर्स कॉन्फ्रेंस की थीम व अन्य विषय*
कॉन्फ्रेंस की थीम *’सतत विकास के लिए शिक्षाः एक बेहतर विश्व का निर्माण’* रहा। इस कांफ्रेंस को विभिन्न उप विषयों में विभाजित किया गया जिसमें नई शिक्षा नीति 2020 की प्राप्ति में योगदान, अंतरराष्ट्रीयकरण हेतु प्रयास, अनुसंधान योगदान, विविधता, समानता, समावेशिता व कल्याण और अमृतकाल के लिए कार्य योजनाएं शामिल रहे। भारत की राष्ट्रपति उच्च शिक्षा के 162 केंद्रीय संस्थानों की कुलाध्यक्ष हैं।
माननीया राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की विभिन्न अकादमिक, शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में हो रही प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की। कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में निरंतर मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु उनका आभार व्यक्त किया।