रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के निर्णय से भाजपा डर गयी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो गयी है। वह भूपेश सरकार के द्वारा लिये जा रहे जनकल्याणकारी निर्णयों से घबरा गयी है।
भाजपा आने वाले चुनाव में झूठ और भ्रम के सहारे राजनीति करना चाह रही। भाजपा युवाओं के बेरोजगारी भत्ते का भी विरोध करने लगी है। लगातार भाजपा के वरिष्ठ नेता लोकप्रिय योजनाओं के बारे में झूठे और अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। उन्हें लगने लगा है कि छत्तीसगढ़ में उनका वजूद खतरे में पड़ गया है इसीलिये वे कांग्रेस सरकार का विरोध करते-करते बौखलाहट में जनता से जुड़ी योजनाओं का विरोध करने लगे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश के युवा भूलें नहीं है कैसे भाजपा के 15 साल के राज में युवाओं का शोषण हुआ था, सरकारी विभागों में भर्तियां बंद कर दी गयी थी।
छत्तीसगढ़ के युवाओं को नौकरी देने के बजाय संविदा और आऊट सोर्सिंग के माध्यम से बाहरी लोगों को नौकरियों पर रखा जाता था। भाजपा ने 2003 में युवाओं से वायदा किया था कि उनकी सरकार आने पर 500 रू. बेरोजगारी भत्ता देंगे लेकिन तीन बार सरकार में आने के बाद भी भत्ता नहीं दिया। भूपेश सरकार भत्ता दे रही तो भाजपा को पीड़ा हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल तक युवाओं का शोषण करने वाली भाजपा किस मुंह से बेरोजगारी भत्ता देने बनाए गए नियमों पर सवाल उठा रही है? भाजपा को बेरोजगारी भत्ता पर सवाल पूछने से पहले दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने के मोदी के वादों का हिसाब दें।
प्रदेश के युवाओं को बताएं की नरेंद्र मोदी की सरकार ने 9 साल में प्रदेश के कितने युवाओं को रोजगार दिया है? दो करोड़ प्रतिवर्ष के हिसाब से प्रदेश के भी 43 लाख युवाओ को रोजगार मिलना था नरेंद्र मोदी की सरकार प्रतिवर्ष दो करोड रोजगार देने में असफल रही हैं और उल्टा मोदी सरकार की गलतियों नासमझी के चलते अब तक 23 करोड़ हाथों से रोजगार छीना जा चुका है। यानी प्रति वर्ष लगभग 2 करोड़ 5 लाख 55 हजार 555 हाथों से रोजगार छीना गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल युवाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिये काम कर रहे है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर आधा प्रतिशत से कम है।
बेरोजगारी भत्ता इसीलिये दिया जा रहा है ताकि युवा आगे के लिये तैयारी कर सके, आर्थिक बोझ न पड़े। कांग्रेस रोजगार देने में विश्वास रखती है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने 4 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार, और सरकारी नोकरी देने में सफलता हासिल की है।
और रोजगार मिशन के माध्यम से आने वाले 5 साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय प्रदेश की युवाओं के साथ न्याय हैं।
बेरोजगारी भत्ता के दौरान प्रदेश के युवाओं को रोजगार संबंधित ट्रेनिंग दी जाएंगे। निजी क्षेत्रों सरकारी विभाग में नौकरी के अवसर मिलेंगे इस दौरान ढाई लाख पारिवारिक आय के युवाओं को 2500 रू. बेरोजगारी भत्ता आर्थिक मदद के तौर पर मिलेगा। यह प्रदेश के युवाओं के प्रति सरकार ने अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।
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