दुनियाभर में जारी उथल-पुथल और अलग-अलग देशों में चल रही जंग के बीच यह मीटिंग कई मायनों में खास है। भारत पर कनाडा के आरोपों के बीच भी इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।
रूस के कजान शहर में प्रेस कांफ्रेंस कर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दोनों नेताओं के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता की पुष्टि कर दी है। मिस्री ने कहा कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच यह बैठक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर 23 अक्टूबर को होगी। हालांकि, समय बुधवार को ही तय किया जाएगा।
बता दें कि इस साल BRICS की अध्यक्षता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कर रहे हैं। पिछले साल तक 5 देशों वाले इस इकोनॉमिक ग्रुप में अब 9 देश हो गए हैं। वहीं, UAE, ईरान, इजिप्ट और इथोपिया भी इस साल जुड़ने वाले हैं। 34 और देशों ने भी BRICS की मेंबरशिप लेने की इच्छा जताई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार (22 अक्टूबर) को कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी ने आगामी वर्ष में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, ऊर्जा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। जुलाई 2024 में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को में उनकी पिछली मुलाकात के बाद इस साल पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह दूसरी बैठक थी। पीएम मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ब्रिक्स की रूसी अध्यक्षता और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने, सतत विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक शासन में सुधारों की वकालत करने के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान में ब्रिक्स नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज संगीत समारोह में शामिल हुए।
दोनों देशों ने शुरू कर दी पेट्रोलिंग
बता दें कि प्रधानमंत्री के रूस दौरे से एक दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत और चीन के बीच एक नई सहमति बनीी है। इसे लेकर ज दोनों देशों के बीच यह बैठक हो रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने एक बयान में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन डेमचौक और देपसांग से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने और इलाके में फिर से पूर्व की तरह पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा था दोनों देशों की सेनाओं ने पेट्रोलिंग शुरू कर दी है और सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया भी आगामी दिनों में शुरू हो जाएगी।
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