Budget 2024/भोपाल: देश के कर्मचारियों को इस बार केंद्रीय बजट से टैक्स में छूट को लेकर बहुत आस है। अपनी बात रखते हुए मध्यप्रदेश के शिक्षक और कर्मचारी नेता हीरानंद नवरिया और सुरेश यादव ने एक प्रेस नोट में अपने आंकड़े रखते हुए बताया कि हम वर्ष 2022-23 को दृष्टिगत रखकर रिटर्न फाइल की समीक्षा करें तो पाएंगे कि देश 7.40 करोड़ रिटर्न फाइल हुए इनमें से 2.26 करोड़ आयकरदाता हैं ।
5.14 करोड़ पेन आयकर जमा नही कर रहै है और उनकी आय 5 लाख से कम थी। रिटर्न दाखिल करने वालों में 47 % वेतन भोगी हैं और 53 % व्यवसायी / व्यापारी हैं।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि आश्चर्यजनक रूप से 2.26 आयकरदाता में से 70 % वेतन भोगी हैं शेष 30 % अन्य व्यवसायों से अपनी आय अर्जित करते हैं। इसमें हम पाते है कि देश में 20 लाख से अधिक आय वाले सिर्फ 2.50 लाख लोग हैं। इसमें से सिर्फ 8714 करदाता ऐसे हैं जो 1 करोड़ से अधिक आय अर्जित करते हैं।
इनके अनुसार एक अन्य विश्लेषण में भारत के 2 करोड़ लोग पर्यटन के लिए विदेश जा रहे हैं और 50 लाख कार व मकान खरीद रहे हैं। वेतन भोगी व्यक्ति अपनी आय का 25 % हिस्सा आयकर, GST, टोल टैक्स , सम्पत्ति कर , नगरपालिकाओं के कर में भुगत रहा है। 40 से 45 % लोन की EMI में भुगतान कर रहा है । शेष आय से अपना घर चला रहा है और भविष्य के लिये बचत कर रहा है।
वे आगे बताते है कि वर्ष 2022-23 के आंकड़ों का विश्लेषण करने का उद्देश्य यह है कि । देश में वेतनभोगी और व्यवसायी / व्यापारी रिटर्न की संख्या लगभग समान है । परन्तु देश का लागभग 90 % आयकर संग्रह व्यवसायी / व्यापारी से किया जाता है ।
वेतन भोगी तो बस फरवरी से जुलाई तक रिटर्न फाइल को लेकर इधर-उधर धक्के खाते हैं। और स्लैब के कारण अपने एक से दो माह का वेतन आयकर के रूप में सरकारी खजाने में जमा करवा रहे है ।
वर्तमान टैक्स स्लैब देखने मे तो बहुत बचत वाली नजर आती है परन्तु असलियत इसके ठीक विपरीत है । देश में पिछले 12 वर्ष से आयकर कि कटौतियों और छूट की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है । परिणाम यह कि आज तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी आयकर की भारी भरकम राशि चुका रहा है।
वे कहते है कि ईमानदारी से टैक्स जमा करना ही देशभक्ति नहीं है ,जमा टैक्स का हिसाब मांगना भी देशभक्ति है। 23 जुलाई को वर्तमान केंद्र सरकार का लगातार 11 वां बजट आ रहा है। कर्मचारियों का प्रतिनिधि होने के नाते हमारी सरकार से अपेक्षा है कि वह 7 लाख तक कि आय करमुक्त कर सभी कटौतियों और छूट में 100 % वृद्धि करे ।
सरकार अपने कर ढांचे में इस प्रकार सुधार व बदलाव करे की व्यापारी / व्यवसायी रिटर्न दाखिल करने व आयकर जमा करने हेतु प्रोत्साहित हो । ताकि आयकर जमा करने वाले 75 लाख व्यवसायी / व्यापारी की संख्या में वृद्धि हो और देश का आयकर संग्रह भी दुगना हो जाए । आप हम अच्छे से जानते है व्यवसायी / व्यापारी के आंकड़े देश कि असलियत के आस पास भी नहीं है । कर संग्रह कैसे बढ़ाना है यह सरकार अच्छी तरह से जानती है । हमारा काम है अपनी मांग उठाना और विषय को चर्चा में लाना , जो हम कर रहे हैं।