रायपुर। निर्वाचन आयोग के फुल बोर्ड ने आज सूबे के कलेक्टर, एसपी की बैठक ली। इसमें खास तौर से बड़े जिलों के कलेक्टर, एसपी टारगेट पर रहे। पूरे दिन उनकी खिंचाई होती रही। बार बार दो टूक चेतावनी भी…नहीं करोगे तो हटा दिए जाओगे। अलबत्ता, कांकेर की कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला और सारंगढ़ कलेक्टर फारिया आलम सिद्दकी दो ऐसे कलेक्टर रहीं, जिन्हें आयोग से शबासी मिली। दोनों ने अंग्रेजी में अपना प्रेजेंटेशन दिया…आयोग ने कहा, गुड।
नया रायपुर के मेफेयर होटल में हुई इस बैठक को आधा दर्जन बड़े जिलों के कलेक्टर, एसपी कभी भूला नहीं पाएंगे। निर्वाचन आयोग ने उन्हें सीधे इनकंपिटेंट तो नहीं कहा, मगर बहुत कुछ कह दिया। छोटे जिलों के कलेक्टर, एसपी किस्मती रहे या आयोग ने उन्हें अहमियत नहीं दी। आयोग का पूरा फोकस बड़े जिलों के कलेक्टर, एसपी पर था। बड़ी बारीकी से चीजों को पकड़ी जा रही थी। एक जिले के एसपी से आयोग ने पूछ दिया, देशी शराब आप ज्यादा पकड़ रहे, अंग्रेजी क्यों नहीं। एक बार्डर जिले के एसपी ने मध्य प्रदेश से शराब तस्करी की बात कही तो आयोग ने खिंचाई कर दी, आप क्या कर रहे हो। एसपी ने कहा, हमारा बार्डर महाराष्ट्र पड़ता है, मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र होते शराब आ रही। आयोग ने इस पर एसपी की जमकर क्लास ले ली। आयोग का कहना था कि कर्नाटक में चुनाव के दौरान अफसरों ने लगातार कार्रवाई की, छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। आयोग इस पर भी सवाल उठाया कि बाहरी एजेंसियां यहां कार्रवाई कर रही है, आप लोग क्यों चुप बैठे हो।
एक कलेक्टर से मुखातिब होते आयोग ने एक प्राइवेट एयरपोर्ट की तलाशी पर प्रश्न पूछा। आयोग का कहना था, प्राइवेट प्लेन से अगर प्राइवेट एयरपोर्ट पर पैसा आएगा तो उसे कैसे पकड़ा जाएगा। आयोग ने सभी कलेक्टर, एसपी से एयरपोर्ट के साथ रेलवे स्टेशनों की तलाशी अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। मीटिंग में खासकर निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद पांडेय के तेवर काफी तीखे रहे। वे यूपी के चीफ सिक्रेटरी रह चुके हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार तथा निर्वाचन आयुक्तद्वय अनूप चंद्र पांडेय और अरूण गोयल ने आज निर्वाचन व्यय की मॉनिटरिंग के लिए राज्य में शराब, ड्रग्स, नगदी और फ्रीबीज के परिवहन पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने आदर्श आचार संहिता के लागू होने का इंतजार न करते हुए ऐसे मामलों में तत्परता से कार्यवाही करने को कहा। आयोग ने आज दिनभर चली बैठक में मतदान केंद्रों में व्यवस्था, ईवीएम और वीवीपैट की उपलब्धता व भंडारण तथा मानव संसाधन, वाहन तथा शिकायत निवारण प्रबंधन की समीक्षा की।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त, निर्वाचन आयुक्तद्वय और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में विधानसभा निर्वाचन के लिए पोस्टल बैलेट की आवश्यकता, कम्युनिकेशन प्लान, निर्वाचन संपन्न कराने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रशिक्षण, कानून-व्यवस्था की स्थिति और स्वीप (SVEEP) गतिविधियों की भी समीक्षा की। भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेन्द्र शर्मा और नितेश व्यास, उप निर्वाचन आयुक्त हृदेश कुमार, मनोज कुमार साहू, आर.के. गुप्ता और अजय भादू, महानिदेशक बी. नारायणन, निदेशक यशवेंद्र सिंह और अशोक कुमार, वरिष्ठ प्रधान सचिव एन.एन. बुटोलिया, प्रधान सचिव एस.बी. जोशी, संयुक्त निदेशक अनुज चांडक, अवर सचिव रितेश सिंह, छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले और सुरक्षा नोडल अधिकारी ओ.पी. पाल भी बैठक में शामिल हुए।